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ग्लोबल सोशल मोबिलिटी इंडेक्स 2020: सामाज को बेहतर बनाने वाले देशों की सूची हुई जारी

ग्लोबल सोशल मोबिलिटी इंडेक्स 2020: सामाज को बेहतर बनाने वाले देशों की सूची हुई जारी |_3.1
विश्व आर्थिक मंच द्वारा ग्लोबल सोशल मोबिलिटी 2020 की पहली रिपोर्ट “ग्लोबल सोशल मोबिलिटी रिपोर्ट 2020: इक्वलिटी, अपोरचुनिटी एंड ए न्यू इकनोमिक इमप्रेटिव” जारी की गई है। इस रिपोर्ट में 82 देशों का ग्लोबल सोशल मोबिलिटी इंडेक्स (GSMI) भी जारी किया गया।
इंडेक्स के अनुसार, भारत 42.7 अंक के साथ 76 वें स्थान पर है, जबकि डेनमार्क सूची में सबसे ऊपर है। भारत इस इंडेक्स में 5 देशों संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका), जापान और जर्मनी, चीन के साथ शामिल हैं, जो सोशल मोबिलिटी को बेहतर बनाकर सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं
सामाजिक सुरक्षा और उचित वेतन वितरण ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत को अधिक सुधार की आवश्यकता है।  भारत सामाजिक सुरक्षा और उचित वेतन देने के मामले में 79 वें स्थान पर है। भारत आजीवन शिक्षा के मामले में 41 वें स्थान पर है जबकि कामकाज की परीस्थिति में 53 वें स्थान पर है। अस्थायी रोजगार के मामले में सऊदी अरब के बाद श्रमिकों का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है।
सूचकांक के शीर्ष 10 देश:


क्र.सं.
देश
1
डेनमार्क
2
नॉर्वे
3
फिनलैंड
4
स्वीडन
5
आइसलैंड
6
नीदरलैंड
7
स्विट्जरलैंड
8
ऑस्ट्रिया
9
बेल्जियम
10
लक्समबर्ग
76
भारत

क्या है सोशल मोबिलिटी ?

सामाजिक गतिशीलता को किसी की भी व्यक्तिगत परिस्थितियों द्वारा या उसके माता-पिता से संबंधित परिस्थितियों के “उतार” या “चढ़ाव” द्वारा समझा जा सकता है। साफ शब्दों में कहा जाए तो प्रत्येक बच्चे में अपने माता-पिता से बेहतर जीवन का अनुभव करने की क्षमता होती है। दूसरी ओर, सापेक्ष सामाजिक गतिशीलता जीवन में किसी व्यक्ति के परिणामों पर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के प्रभाव का आकलन है। इसे स्वास्थ्य से लेकर शैक्षिक उपलब्धि और आय जैसे कई परिणामों द्वारा मापा जा सकता है।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • विश्व आर्थिक मंच की स्थापना: जनवरी 1971
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
  • संस्थापक और अध्यक्ष: क्लाउस श्वाब