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आरबीआई ने दूसरी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 में रेपो दर को अपरिवर्तित रखा

आरबीआई ने दूसरी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 में रेपो दर को अपरिवर्तित रखा |_2.1

आज की बैठक में वर्तमान और विकसित व्यापक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने फैसला किया है:
  • तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत पॉलिसी रेपो दर 6.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने.
  • इसके फलस्वरूप, LAF के तहत रिवर्स रेपो दर 6.0 फीसदी रह गई है.
  • सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) की दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत पर है.
एमपीसी का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख के साथ,उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के लिए मध्यम अवधि के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ +/- 2 की एक बैंड के भीतर 4% की मुद्रास्फीति अनुरूप है.
IBPS PO परीक्षा के लिए तथ्य –
  • भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को  हुई थी
  • रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन 1937 में  स्थायी रूप से  मुंबई भेज दिया गया था.
  • आरबीआई अधिनियम, 1934 को वित्त अधिनियम, 2016 द्वारा संशोधित किया गया है ताकि विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति समिति के लिए एक सांविधिक और संस्थागत रूपरेखा में,मूल्य स्थिरता बनाए रखी जाए, . 
  • मौद्रिक नीति का प्राथमिक उद्देश्य विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना है. मूल्य स्थिरता सतत विकास के लिए आवश्यक शर्त है.
स्रोत- आरबीआई

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