भारतीय खेल जगत के लिए गर्व के क्षण में, सिर्फ 10 वर्ष की जियोवाना डी सिक्वेरा ने अबू धाबी में आयोजित विश्व प्रोफेशनल जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अंडर-28 किलो, इन्फैंट/गर्ल्स (Gi) कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा करते हुए जियोवाना ने अपने अनुशासन, तकनीकी कौशल और अद्भुत मजबूती से दर्शकों व निर्णायकों को प्रभावित किया—यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि वह हाल ही में घुटने की बड़ी चोट से उबरकर लौटी हैं।
चोट के बाद अद्भुत वापसी
- जियोवाना का पोडियम तक पहुंचना आसान नहीं था।
- सिर्फ पाँच महीने पहले उन्होंने घुटने की सर्जरी करवाई थी, जिससे उनका प्रशिक्षण रुक गया था। लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत ने उन्हें वापस पटरी पर ला दिया।
- उनकी वापसी की शुरुआत किकबॉक्सिंग नेशनल चैम्पियनशिप से हुई, जहाँ उन्होंने धीरे-धीरे अपना आत्मविश्वास और प्रतियोगी क्षमता फिर से अर्जित की।
- अबू धाबी में मिला कांस्य पदक उनके प्रतिभा, मानसिक साहस और रणनीतिक तैयारी का प्रमाण है—जो आने वाले समय की भविष्य की चैंपियन की पहचान है।
परिवार और कोच का मजबूत सहयोग
- जियोवाना की सफलता के पीछे एक सशक्त समर्थन तंत्र है।
- उनकी माँ लूर्डेस डी सिक्वेरा ने परिवार के सहयोग और कोच रौनक सिंह के मार्गदर्शन की अहम भूमिका को सराहा।
- प्रतियोगिता के दौरान जियोवाना के साथ उनकी बड़ी बहन एरिका डी सिक्वेरा भी थीं, जो खुद प्रशिक्षित मार्शल आर्टिस्ट हैं।
- भावनात्मक समर्थन और पेशेवर प्रशिक्षण का यह मिश्रण जियोवाना को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आत्मविश्वास के साथ खेलने में मददगार साबित हुआ—जो खेलों में परिवार की भूमिका के महत्व को रेखांकित करता है।
डी सिक्वेरा बहनें: भारत के मार्शल आर्ट्स का उभरता भविष्य
- जियोवाना के साथ-साथ उनकी बहन एरिका भी सुर्खियों में हैं, जिनके पास उन्नत अंतरराष्ट्रीय जिउ-जित्सु प्रमाणन है और वे खेल में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
- दोनों बहनें मिलकर भारत में मार्शल आर्ट्स के लिए एक नई पहचान और विरासत बना रही हैं—एक ऐसा क्षेत्र जिसमें अब तक अन्य देशों का दबदबा रहा है।
- इनकी उपलब्धियाँ भारत में मार्शल आर्ट्स बुनियादी ढाँचे और युवाओं में बढ़ती रुचि को दर्शाती हैं।
वैश्विक मार्शल आर्ट्स में भारत की बढ़ती उपस्थिति
- अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिताओं में भारत की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, और जियोवाना का कांस्य पदक इस प्रगति में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
- विश्व प्रोफेशनल जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप जैसे आयोजन भारतीय खिलाड़ियों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के साथ मुकाबला करने और जीतने का अवसर देते हैं।
- गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, बेहतर एक्सपोजर और संरचित प्रतियोगिताओं का बढ़ता दायरा भारत के युवाओं के प्रदर्शन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।
मुख्य तथ्य (Key Takeaways)
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जियोवाना डी सिक्वेरा (10 वर्ष) ने अंडर-28 किलो, इन्फैंट/गर्ल्स Gi कैटेगरी में कांस्य पदक जीता।
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आयोजन: विश्व प्रोफेशनल जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप 2025, अबू धाबी।
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वह 5 महीने पहले घुटने की सर्जरी से उबरकर लौटीं।
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कोच रौनक सिंह और परिवार, विशेषकर बहन एरिका का महत्वपूर्ण सहयोग।
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एरिका के पास उन्नत जिउ-जित्सु प्रमाणन—दोनों बहनों की संयुक्त सफलता।
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यह उपलब्धि दर्शाती है कि युवा स्तर पर भारत की वैश्विक मार्शल आर्ट्स में मजबूत उपस्थिति बन रही है।
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