भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के सातवें अपतटीय गश्ती पोत (Offshore Patrol Vessel) ”विग्रह” का औपचारिक रूप से तमिलनाडु में चेन्नई के कट्टुपल्ली बंदरगाह पर जलावतरण किया गया। रक्षा मंत्रालय ने 2015 में लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को सात ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसेल (ओपीवी) के निर्माण का अनुबंध किया था, जिसमें से अंतिम पोत का जलावतरण किया गया। यह पहला मौका होगा जब किसी निजी क्षेत्र के शिपयार्ड ने अपतटीय गश्ती पोत श्रेणी के पोतों का डिजाइन और निर्माण का कार्य किया था।
विग्रह के बारे में
- यह ओपीवी 98 मीटर लंबा, 15 मीटर चौड़ा है, इसमें 3.6 मीटर ड्राफ्ट, 2140T विस्थापन और 5,000 नॉटिकल मील की रेंज है।
- यह 26 नॉट तक की निरंतर गति प्राप्त करने में सक्षम होने के साथ-साथ इसमें 30MM 2A42 गन और दो 12.7 एमएम गन से लैस है और इसकी परिचालन, निगरानी, खोज और बचाव क्षमता को बढ़ाते हुए ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टरों से लैस किया गया है।
- व्यापक परीक्षण और उपकरण और मशीनरी के परीक्षण के इस बाद पोत को मार्च 2021 तक तटरक्षक बल में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
- जहाज में 14 चालक दल और 102 अधीनस्थ अधिकारियों सहित 102 चालक दल होंगे। इसका जीवन काल 25 वर्ष से अधिक होने की उम्मीद है।
अपतटीय गश्ती पोत (Offshore Patrol Vessel) के बारे में
अपतटीय गश्ती पोत लंबी दूरी की सतह के जहाज हैं, जो हेलीकाप्टरों से लैस होते हैं और समुद्री सीमाओं में निगरानी करने के साथ तस्करी रोकने तथा समुद्री लुटेरों को पकड़ने में सहायक होते हैं। ओपीवी के कार्यों में तटीय और अपतटीय गश्त, देश के समुद्री समुद्री क्षेत्र, निगरानी, एंटी-स्मगलिंग और एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन शामिल हैं।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारतीय तटरक्षक महानिदेशक: महानिदेशक कृष्णास्वामी नटराजन.
- भारतीय तटरक्षक स्थापना: 18 अगस्त 1978
- भारतीय तटरक्षक मुख्यालय: रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली