टैक्स चोरी के विरुद्ध अपनी लड़ाई के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, केंद्र ने नए बैंक खातों को खोलने के लिए और 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है. इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित धन शोधन निवारण (रिकॉर्ड्स का रखरखाव) नियम, 2005 में संशोधन के साथ, बैंकों को पहचान के सत्यापन के लिए आधार और स्थायी खाता संख्या (पैन) दोनों की मांग करनी होगी, यह 1 जून से शुरू हुआ.
वित्त अधिनियम, 2017 में, सरकार ने आधार के साथ पैन अनिवार्य कर दिया है और इसे आयकर रिटर्न में में भी आवश्यक कर दिया है. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने यह इसे केवल उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य कर दिया जिनके पास आधार कार्ड है, उन्हें इसे पैन के साथ जोड़ने की आवश्यकता है. नया नियम मौजूदा बैंक खाताधारकों को उनके आधार विवरण को 31 दिसंबर तक प्रदान करने की सीमा देता है, जबकि नए आवेदकों को या तो 12 अंकों की आधार संख्या या उनके आधार नामांकन का आवेदन का सबूत देना होगा.
उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक वैधानिक प्राधिकरण है.
- यूआईडीएआई को 12 जुलाई 2016 को भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(MeitY) के तहत आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाएं लक्षित लक्षित) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम 2016”) के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था.
- आधार की टैगलाइन है – ‘मेरा आधार, मेरी पहचान.
- नंदन नीलेकणी यूआईडीएआई के पहले अध्यक्ष थे.
- जे सत्यनारायण यूआईडीएआई के मौजूदा अध्यक्ष हैं.
स्त्रोत- द हिन्दू बिजनेस लाइन