1 मार्च को विश्व स्तर पर शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है। यह दिवस प्रतिवर्ष 1 मार्च को मनाया जाता है। इस दिवस को महिलाओं और लड़कियों द्वारा भेदभाव और असमानता को चुनौती देने के लिए मनाया गया। इसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सशक्तीकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
विश्व में तीन महिलाओं में से एक महिला हिंसा के किसी न किसी रूप का सामना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व में 50% से अधिक महिलाओं ने उनके खिलाफ होने वाली हिंसा की रिपोर्ट की है। इसलिए, जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस महत्वपूर्ण है।
शून्य भेदभाव दिवस को सर्वप्रथम 1 मार्च 2014 में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का विचार यूएनएड्स के डायेरक्टर मिशेल सिदीबे द्वारा दिया गया है था और दिसंबर 2013 को इस दिवस को बनाया गया था और उसी साल इसी नाम यानी शून्य भेदभाव के नाम से एक अभियान की शुरुआत की गई थी। ये अभियान उस समय एक प्रमुख कार्यक्रम बना जिसमें 30 से अधिक से व्यापारियों और नेताओं ने भेदभाव को खत्म करने के लिए संकल्प लिया। इस दिवस को विश्व एड्स दिवस से प्रेरित होकर बनाया गया है। ताकि एचआईवी/एड्स के साथ रह रहे लोगों के प्रति अनुचित व्यवहार को खत्म किया जा सकें। इस दिवस के माध्यम से रंग, धर्म, रष्ट्रीयता, जाति, लिंग, विकलांगता, कद आदि के कारण हो रहे भेदभावों की रोकथाम के लिए मनाया जाता है।
हर साल शून्य भेदभाव दिवस को हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल यानी 2023 में शून्य भेदभाव दिवस को “सेव लाइव्स: डिक्रिमिनलाइज़ करें” की थीम के साथ मनाया जा रहा है। जिसके माध्यम से एचआईवी के साथ रहने वाले मरीजों के प्रति हो रहे भेदभाव को रोकना है।
संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम द्वारा शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है। हर साल 1 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है। इसे 2014 में पहली बार मनाया गया था। इसे एड्स कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि एड्स को मिटाने के लिए महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव से लड़ना महत्वपूर्ण है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…
भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…
सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…