प्रसिद्ध यक्षगान गायक और पटकथा लेखक बलिपा नारायण भागवत का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें सिंगिंग के एक अनोखे अंदाज में महारत हासिल थी, जिसकी वजह से फैंस ने इसे ‘बलिपा स्टाइल’ का नाम दिया है। आवाज के धनी भागवत ने 30 से अधिक यक्षगान ‘प्रसांग’ (लिपियां) लिखी हैं। वह 100 से अधिक यक्षगान एपिसोड में पारंगत थे, जिन्हें उन्होंने दिल से रचा था। उन्होंने लगभग 60 वर्षों तक यक्षगान के क्षेत्र में सेवा की थी। वह कतील दुर्गापरमेश्वरी प्रसादिता यक्षगान मंडली (कतील मेला) के प्रमुख भागवत थे।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
13 अप्रैल, 1938 को कासरगोड जिले (केरल) के पाद्रे गांव में जन्मे भागवत ने कई यक्षगान एपिसोड लिखे। भागवत ने 13 साल की उम्र में यक्षगान क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने पांच दिवसीय ‘देवी महात्मे’ प्रकरण की रचना की, जो यक्षगान साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। उन्हें अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य के लिए 2002 में ‘कर्नाटक श्री’ पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]आईसीआईसीआई बैंक और टाइम्स इंटरनेट ने ‘टाइम्स ब्लैक आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड’ लॉन्च किया है,…
टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी, जो टाटा पावर की एक इकाई है, ने छत पर सोलर…
एनटीपीसी, जो भारत की प्रमुख पावर कंपनी है, ने बिहार में एक न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट…
भारत पहली बार 2025 पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी करने के लिए तैयार है,…
भारत ने 20 दिसंबर 2024 को थाईलैंड द्वारा वर्चुअल रूप से आयोजित 24वीं BIMSTEC वरिष्ठ…
हर साल 21 दिसंबर को विश्व बास्केटबॉल दिवस मनाया जाता है, जो इस खेल के…