वैज्ञानिकों ने IVF का उपयोग करके पहला कंगारू भ्रूण बनाया

वैज्ञानिकों ने एक ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए पहली बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का उपयोग करके कंगारू भ्रूण तैयार किए हैं। यह उपलब्धि संकटग्रस्त मार्सुपियल (थैलीधारी) प्रजातियों के संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और विलुप्ति के खतरे से बचाने में सहायक हो सकती है।

यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया और इसे ‘रिप्रोडक्शन, फर्टिलिटी एंड डेवलपमेंट’ नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। शोध में यह उजागर किया गया है कि सहायक प्रजनन तकनीक (ART) को कोआला, तस्मानियन डेविल, उत्तरी हेरी-नोस वॉम्बैट और लीडबीटर्स पॉसम जैसे संकटग्रस्त प्राणियों के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस उपलब्धि का महत्व

  • पहली बार कंगारू भ्रूण IVF तकनीक से विकसित किए गए, जो संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के संरक्षण के लिए नई संभावनाएँ खोलते हैं।
  • IVF तकनीक अब तक मुख्य रूप से मनुष्यों और पालतू जानवरों में प्रयुक्त होती रही है, लेकिन मार्सुपियल्स में इसका उपयोग अब तक सीमित था।
  • इस शोध से संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के लिए नई संरक्षण रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त होगा और उनके प्रजनन को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

IVF के माध्यम से कंगारू भ्रूण बनाने की प्रक्रिया

1. अध्ययन का उद्देश्य

इस शोध का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के प्रजनन को संरक्षित करने के लिए नई विधियों का विकास करना था। इसके तहत:

  • संकटग्रस्त प्रजातियों की आनुवंशिक सामग्री संरक्षित करने के प्रयास।
  • मार्सुपियल प्रजनन में IVF तकनीक के उपयोग का विस्तार
  • प्राकृतिक आवासों के विनाश, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों से प्रभावित प्रजातियों को बचाना।

2. कंगारू भ्रूण विकसित करने की प्रक्रिया

वैज्ञानिकों ने पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo) को मॉडल प्रजाति के रूप में चुना और उनके प्रजनन को IVF तकनीक से अनुकूलित किया।

अंडाणु और शुक्राणु का संग्रहण:

  • अनुसंधान उद्देश्यों के लिए पूर्वी ग्रे कंगारू के अंडाणु और शुक्राणु एकत्र किए गए।
  • एक मादा कंगारू से कुल 32 अंडाशय कूप (follicles) प्राप्त किए गए।
  • इनमें से 78% ने वृद्धि दिखाई, जबकि 12% आकार में दोगुने हो गए।

इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) तकनीक:

  • वैज्ञानिकों ने ICSI विधि का उपयोग किया, जिसमें एक शुक्राणु को सीधे एक परिपक्व अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के बाद, सफलतापूर्वक कंगारू भ्रूण का निर्माण किया गया।

संरक्षण प्रयासों में IVF का महत्व

1. संकटग्रस्त मार्सुपियल्स की सुरक्षा

इस तकनीक से जिन प्रजातियों को लाभ मिल सकता है, उनमें शामिल हैं:

  • कोआला – आवास क्षति और बीमारियों से प्रभावित।
  • तस्मानियन डेविल – डेविल फेशियल ट्यूमर रोग से खतरे में।
  • उत्तरी हेरी-नोस वॉम्बैट – दुर्लभतम मार्सुपियल्स में से एक।
  • लीडबीटर्स पॉसम – वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित।

2. आनुवंशिक सामग्री का संरक्षण और उपयोग

  • IVF के माध्यम से अंडाणु और शुक्राणु को संरक्षित किया जा सकता है, जिससे जैव विविधता बनी रहेगी
  • इस तकनीक से सीधे प्रजनन कार्यक्रमों की आवश्यकता के बिना प्रजातियों को फिर से जंगल में बसाने में मदद मिलेगी।

3. भविष्य में IVF से जन्मे कंगारू

अब तक कोई कंगारू IVF के माध्यम से जन्म नहीं लिया है, लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले दशक में पहला IVF-जनित मार्सुपियल जन्म ले सकता है

वैश्विक स्तर पर संरक्षण में IVF की भूमिका

मार्सुपियल्स में IVF की सफलता वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण में सहायक प्रजनन तकनीकों के बढ़ते उपयोग का हिस्सा है।

  • जनवरी 2024 में जर्मनी के वैज्ञानिकों ने गैंडे का पहला IVF भ्रूण सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया।
  • इसी तरह, बाघों, हाथियों और अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए IVF तकनीक का परीक्षण किया गया है।
  • कंगारू IVF अध्ययन यह साबित करता है कि ये तकनीकें अन्य वन्यजीव प्रजातियों में भी सफल हो सकती हैं, जिससे भविष्य में संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

यह खोज न केवल कंगारू और अन्य मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, बल्कि भविष्य में विलुप्ति के कगार पर खड़ी कई प्रजातियों को बचाने में भी मददगार साबित हो सकती है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

4 hours ago

S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड, तुलना और भारत की दिलचस्पी

रूस की S-500 मिसाइल प्रणाली, जिसे आधिकारिक रूप से 55R6M “ट्रायंफेटर-M” या प्रोमेतेय कहा जाता…

5 hours ago

RBI मौद्रिक नीति दिसंबर 2025: दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…

5 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

6 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

7 hours ago

RELOS समझौता और भारत-रूस संबंध: उद्देश्य, महत्व और नवीनतम घटनाक्रम

बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरणों के बीच भारत–रूस संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन…

7 hours ago