दुनियाभर में हर साल 6 जुलाई को ‘विश्व जूनोसेस डे’ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरुकता पैदा करना है। इन बीमारियों को जूनोटिक रोग कहा जाता है। इसमें रेबीज, टीबी, स्वाइन फ्लू, और डेंगू जैसे रोग शामिल हैं। विश्व जूनोसिस दिवस हमें यह समझने में मदद करता है कि मानव और पशु स्वास्थ्य आपस में जुड़े हैं, और इन रोगों से बचाव के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
जूनोटिक रोग (Zoonotic Diseases) वे बीमारियाँ होती हैं जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती हैं। इनके कारण बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या परजीवी हो सकते हैं।
प्रमुख उदाहरण:
रेबीज़
कोविड-19
एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू)
इबोला
सालमोनेला संक्रमण
संक्रमण के तरीके:
जानवरों को छूने से
संक्रमित कीड़ों के काटने से
असुरक्षित या अधपका मांस/दूध खाने से
WHO के अनुसार, 75% से अधिक नई मानव बीमारियाँ जानवरों से आती हैं।
शब्दों की समझ:
“Zoonosis” = रोग का नाम (जैसे रेबीज़)
“Zoonotic” = उस प्रकार की बीमारी का वर्णन (जैसे जूनोटिक वायरस)
6 जुलाई 1885 को महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर (Louis Pasteur) ने पहली बार इंसान को रेबीज़ का सफल टीका दिया था। विश्व जूनोसिस दिवस उसी ऐतिहासिक घटना की स्मृति में हर साल मनाया जाता है।
उद्देश्य:
जूनोटिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करना
मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझाना
One Health दृष्टिकोण को बढ़ावा देना
यह दिवस WHO, FAO, OIE और अन्य वैश्विक संस्थाओं द्वारा समर्थित होता है।
भारत सरकार द्वारा जूनोटिक रोगों से निपटने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं:
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP)
ब्रूसेलोसिस और खुरपका-मुंहपका रोग रोकने के लिए
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ (MVUs)
ग्रामीण इलाकों में समय पर पशु उपचार और रोगों की पहचान
राष्ट्रीय वन हेल्थ कार्यक्रम (National One Health Programme)
इंसान और पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच समन्वय
पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 (Animal Birth Control Rules)
आवारा जानवरों की नसबंदी और टीकाकरण (विशेषकर रेबीज़)
टीकाकरण अभियान
पालतू और पालतू जानवरों के लिए नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना
COVID-19 जैसी महामारियों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण आपस में गहराई से जुड़े हैं।
विश्व जूनोसिस दिवस:
जन जागरूकता बढ़ाता है
स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रेरित करता है
OpenWHO जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देता है
One Health दृष्टिकोण को आज वैश्विक स्वास्थ्य रणनीति के रूप में अपनाया जा रहा है, ताकि भविष्य में जूनोटिक रोगों को रोका जा सके।
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