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विश्व जल दिवस 2024: इतिहास और महत्व

विश्व जल दिवस 2024: इतिहास और महत्व |_3.1

पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। पहली बार विश्व जल दिवस साल 1993 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य, लोगों को पानी का महत्व समझाना और पानी बचाने के लिए जागरुक करना है। इस दिन, दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

 

विश्व जल दिवस 2024 की थीम

प्रतिवर्ष जल दिवस की एक खास थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष विश्व जल दिवस 2024 की थीम ‘शांति के लिए जल का लाभ उठाना’ (Leveraging Water for Peace)है। इस थीम के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि जब समुदाय और देश इस बहुमूल्य साझा संसाधन पर मिलकर सहयोग करते हैं तो पानी शांति का एक उपकरण बन सकता है।

 

जल दिवस का महत्व

जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, ऐसे में यह कथन सटीक है कि ‘जल ही जीवन है’। विश्व में कई जगहों पर पानी की कमी बनी रहती है। विकास के लिए तेजी से बढ़ रही फैक्ट्रियां और जनसंख्या के कारण जो पानी के सीमित संसाधन है, उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और पानी का जरूरत से ज्यादा उपयोग हो रहा है। जाने अनजाने पानी की बर्बादी और जल प्रदूषण के कारण लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इसी समस्या से विश्व को अवगत कराने, पानी की बर्बादी को रोकने, जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

 

जल दिवस का इतिहास

वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। उसी दिन विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। बाद में 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया। तब से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाने लगा। वहीं वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र मे सुरक्षित, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार को मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी।

 

 

 

 

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