विश्व थायरॉइड दिवस 2025: थीम, महत्व और रोकथाम के उपाय

विश्व थायरॉइड दिवस, हर साल 25 मई को मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर थायरॉइड विकारों की गंभीरता को उजागर करने, रोगियों के अनुभवों को मान्यता देने, तथा रिसर्च और उपचार को समर्थन देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। भारत में 4.2 करोड़ से अधिक लोग थायरॉइड से पीड़ित हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर 100 करोड़ से अधिक लोग आयोडीन की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। यह दिन थायरॉइड स्वास्थ्य, रोकथाम और देखभाल की दिशा में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

समाचार में क्यों?

विश्व थायरॉइड दिवस 2025 को 25 मई को विश्वभर में मनाया गया। इस वर्ष का विषय भी जागरूकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, विशेष रूप से प्रारंभिक पहचान, उचित पोषण, और उपचार की उपलब्धता पर। भारत में थायरॉइड रोगों का भार बहुत अधिक है, इस कारण जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।

विश्व थायरॉइड दिवस 2025 की थीम

विश्व थायरॉइड दिवस 2025 की थीम है- “थायरॉइड रोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Thyroid Disease and Artificial Intelligence)”, यानी थायरॉइड की बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) काफी मदद कर रहा है। AI तकनीकें थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं का जल्दी पता लगाने, हर मरीज के लिए सही इलाज ढूंढने और उनके सेहत को बेहतर बनाने में तेजी से इस्तेमाल हो रही हैं।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • थायरॉइड रोगों, उनके निदान, रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

  • भारत जैसे उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों में स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना।

  • आयोडीन, थायरॉइड हार्मोन संतुलन और नियमित परीक्षण के महत्व पर जनशिक्षा देना।

पृष्ठभूमि

  • पहली बार 2008 में “Thyroid Federation International (TFI)” द्वारा मनाया गया।

  • यह दिन European Thyroid Day से भी मेल खाता है, जिसे European Thyroid Association ने शुरू किया था।

स्थिर और महामारी-विज्ञान से जुड़ी जानकारी

  • थायरॉइड रोग, मधुमेह के बाद दूसरा सबसे आम एंडोक्राइन विकार है।

  • सामान्य प्रकार:

    • हाइपोथायरॉयडिज्म (थायरॉयड की कमी)

    • हाइपरथायरॉयडिज्म (थायरॉयड की अधिकता)

    • घेंघा / आयोडीन की कमी के रोग

    • हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस (ऑटोइम्यून विकार)

    • थायरॉइड कैंसर

  • भारत में हर 2640 नवजात शिशुओं में से 1 को जन्मजात हाइपोथायरॉयडिज्म होता है।

  • 7.5% किशोर लड़कियों में घेंघा के साथ ऑटोइम्यून थायरॉयडाइटिस पाया गया (भारतीय अध्ययन)।

  • हिमालयी क्षेत्रों में आयोडीन की कमी आम है – नमक आयोडीकरण कार्यक्रमों द्वारा समाधान किया जा रहा है।

रोकथाम के सुझाव

  • आयोडीन, सेलेनियम और आयरन से भरपूर संतुलित आहार लें

  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें

  • तनाव प्रबंधन, पर्याप्त नींद लें

  • धूप से विटामिन D प्राप्त करें

  • थायरॉयड कार्य की नियमित जांच करवाएं

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

एयर इंडिया ने ट्रैवल + लेज़र अवॉर्ड्स 2025 में बेस्ट डोमेस्टिक एयरलाइन का खिताब जीता

भारत की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने एक बार फिर ट्रैवल + लीजर इंडिया…

5 mins ago

भारत में कॉफी बागान: वैश्विक रैंक, क्षेत्र, इतिहास, आवश्यकताएँ और महत्व

भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…

5 hours ago

सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट ने 2025 का दुनिया के सबसे अच्छे एयरपोर्ट का खिताब जीता

सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…

6 hours ago

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट नई दिल्ली में शुरू

द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…

6 hours ago

नरपुह वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षण चुनौतियाँ और पारिस्थितिक महत्व

हाल ही में वैज्ञानिकों और संरक्षण विशेषज्ञों ने नरपुह (Narpuh) वन्यजीव अभयारण्य को लेकर गंभीर…

8 hours ago

फीफा बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 में विजेताओं की सूची

फीफा बेस्ट फ़ुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया, जहाँ पिछले वर्ष…

9 hours ago