हर वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। यह एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त दिवस है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी के महासागरों का उत्सव मनाना और उनकी रक्षा करना है। वर्ष 2025 में इस दिवस की थीम है: “वंडर: सस्टेनिंग व्हाट सस्टेन्स अस”। यह विषय महासागरों के भावनात्मक, वैज्ञानिक और पारिस्थितिक मूल्य को उजागर करता है।
इस वर्ष यह आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूएन ओशन कॉन्फ्रेंस 2025 (9 से 13 जून, नीस, फ्रांस) से ठीक पहले हो रहा है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अन्वेषण, वैश्विक सहयोग और समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों को जलवायु संकट व बढ़ते समुद्री तापमान के बीच संरक्षित करने के लिए जागरूकता फैलाना है।
विश्व महासागर दिवस क्या है?
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इसकी पहली प्रस्तावना 1992 में रियो डी जनेरियो में आयोजित अर्थ समिट में की गई थी।
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2008 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
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यह दिन निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए मनाया जाता है:
महासागरों की जीवनदायिनी भूमिका के प्रति जागरूकता फैलाना।
प्रदूषण, अत्यधिक मछली पकड़ना, और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों को उजागर करना।
सरकारों, वैज्ञानिकों, संगठनों और आम नागरिकों को कार्रवाई के लिए प्रेरित करना।
हर साल एक अलग थीम रखी जाती है। जैसे:
2024 — “Awaken New Depths” (नई गहराइयों को जागृत करें)
2021 — “The Ocean: Life and Livelihoods” (महासागर: जीवन और आजीविका)
2025 की थीम: “वंडर: सस्टेनिंग व्हाट सस्टेन्स अस”
यह विषय इस पर बल देता है कि कैसे महासागर मनुष्यों को प्रेरणा, शोध और नवाचार की भावना देते हैं। इसका उद्देश्य है:
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लोगों की भावनात्मक और बौद्धिक भागीदारी को बढ़ावा देना।
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युवाओं और भविष्य के वैज्ञानिकों में जिज्ञासा जगाना।
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समुद्री संरक्षण, खोज और पुनर्स्थापना में नवाचार को प्रेरित करना।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य: संकट में महासागर
रिकॉर्ड समुद्री तापमान
2023–24 के शोधों के अनुसार, समुद्रों का तापमान रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया है। इसके मुख्य कारण:
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जीवाश्म ईंधनों का जलना
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वनों की कटाई
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ग्रीनहाउस गैसों (CO₂) की अधिकता
प्रभाव:
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ध्रुवीय बर्फ पिघलना और समुद्र-स्तर में वृद्धि
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प्रवाल भित्तियों का क्षरण और जैव विविधता की हानि
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अधिक चक्रवात व तूफान जैसी चरम मौसमी घटनाएं
जैव विविधता पर संकट
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अत्यधिक मछली पकड़ने से प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं।
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प्लास्टिक व रासायनिक प्रदूषण से समुद्री खाद्य श्रृंखला प्रभावित हो रही है।
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महासागर अम्लीकरण (Ocean Acidification) से प्रवाल और शंखधारी जीव कमजोर हो रहे हैं।
WWF के अनुसार, यदि कार्रवाई नहीं की गई तो 2100 तक एक-तिहाई समुद्री प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं।
मुख्य आयोजन: नीस, फ्रांस (8 जून 2025)
इस वर्ष का प्रमुख वैश्विक कार्यक्रम फ्रांस के नीस शहर में 8 जून को होगा। इसमें भाग लेंगे:
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राष्ट्राध्यक्ष, वैज्ञानिक, पर्यावरण संगठन और नीति निर्माता
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विषय: समुद्री अर्थव्यवस्था, जलवायु कार्यवाही और जैव विविधता संरक्षण
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उद्देश्य: महासागर-अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देना और स्वच्छ तकनीक व अनुसंधान में निवेश
30×30 लक्ष्य: वर्ष 2030 तक 30% महासागरों की रक्षा
इस वैश्विक लक्ष्य के अंतर्गत:
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2030 तक कम-से-कम 30% महासागर क्षेत्र को कानूनी रूप से संरक्षित क्षेत्र (MPAs) घोषित करना
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औद्योगिक दोहन पर रोक लगाना
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सतत मत्स्यन, इको-पर्यटन और स्थानीय संरक्षण को बढ़ावा देना
महासागर: पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र का आधार
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पृथ्वी का 71% भाग महासागर है
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यह 50% से अधिक ऑक्सीजन उत्पन्न करता है
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25% कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है
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जलवायु नियंत्रक की तरह कार्य करता है
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अरबों लोगों को भोजन, रोजगार और परिवहन प्रदान करता है
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अनुमानतः 2.2 मिलियन समुद्री प्रजातियां, जिनमें से कई अब भी अनखोजी हैं
जन-सहभागिता और सेलिब्रिटी योगदान
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Jason Momoa (Aquaman) और UN सद्भावना राजदूत जैसे कई चर्चित चेहरे जागरूकता अभियान से जुड़े हैं
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डिजिटल कैम्पेन, स्कूल प्रोजेक्ट्स, समुद्री सफाई अभियान आदि 100 से अधिक देशों में आयोजित होते हैं