विश्व 21 दिसंबर 2024 को पहला विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाएगा। संयुक्त राष्ट्र ने 29 नवंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में नामित किया।
विश्व ध्यान दिवस के हिस्से के रूप में 20 दिसंबर 2024 को संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रसिद्ध भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक, श्री श्री रविशंकर विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे और उन्होंने एक लाइव, वैश्विक ध्यान सत्र आयोजित किया।
21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करने की पहल,संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को भारत द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा की ध्यान व्यक्ति के स्वास्थ्य और कल्याण में सकारात्मक भूमिका निभाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में ‘ध्यान’ के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
प्रथम विश्व ध्यान दिवस का विषय “आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव” है।
ध्यान एक प्राचीन अभ्यास है जो प्राचीन हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, यहूदी धर्म और मिस्र और चीन की प्राचीन सभ्यता में पाया गया है।ध्यान उस अभ्यास को संदर्भित करता है जिसमें व्यक्ति मन को प्रशिक्षित करने और मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक शांति और शारीरिक विश्राम की स्थिति प्राप्त करने के लिए सचेतन अवस्था में केंद्रित ध्यान या एकाग्र विचार जैसी तकनीकों का उपयोग करता है। आधुनिक दुनिया में ध्यान को व्यक्तिगत कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक तकनीक के रूप में देखा जाता है।
श्रेणी | विवरण |
खबर में क्यों | 21 दिसंबर 2024 को पहली बार विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा, जिसे 29 नवंबर 2024 को UN महासभा ने प्रस्तावित किया। |
वैश्विक मान्यता | ध्यान को मानसिक और शारीरिक लाभों के लिए तथा वैश्विक शांति और एकता को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका के लिए मान्यता मिली। |
भारत का योगदान | भारत के स्थायी मिशन ने न्यूयॉर्क स्थित UN मुख्यालय में श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व में एक वैश्विक ध्यान सत्र आयोजित किया। |
कार्यक्रम का विषय | “वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान” |
ध्यान की परिभाषा | ध्यान एक प्राचीन अभ्यास है, जिसमें मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक शांति और शारीरिक विश्राम प्राप्त करने के लिए माइंडफुलनेस और ध्यान केंद्रित करने की तकनीकों का उपयोग किया जाता है। |
ध्यान के प्रकार | माइंडफुलनेस ध्यान, ट्रांसेंडैंटल ध्यान, गाइडेड ध्यान और योग-आधारित ध्यान शामिल हैं। |
लाभ | |
– व्यक्तिगत | तनाव कम करता है, एकाग्रता बढ़ाता है, भावनात्मक संतुलन लाता है, बेहतर नींद और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। |
– सामूहिक | सहानुभूति, सहयोग, और साझा उद्देश्य को प्रोत्साहित करता है, वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देता है। |
प्रौद्योगिकी की भूमिका | ध्यान ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने इसे वैश्विक स्तर पर सुलभ बना दिया है। |
महत्व | ध्यान आयु, राष्ट्रीयता, और विश्वास से परे है, आंतरिक शांति को वैश्विक सद्भाव का आधार बनाने में मदद करता है। |
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