हर साल 21 जून को ‘विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है, जो हमें महासागरों, समुद्रों, नदियों, झीलों और विभिन्न जल निकायों के बारे में जानने में मदद करता है। ये विज्ञान की एक शाखा के रूप में हाइड्रोग्राफी के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है। ये दिन हाइड्रोग्राफर्स के प्रयोसों को पहचानने में भी मदद करता है। हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर नदियों, झीलों, तालाबों और समुद्रों के जल निकायों को जानने में मदद करता है।
ये दिन हाइड्रोग्राफर्स के प्रयासों को पहचानने में मदद करता है। हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर नदियों, झीलों, तालाबों और समुद्रों के जल निकायों को बताता है। खासतौर पर इसका उद्देश्य नेविगेशन में सुविधा के लिए डेटा प्रदान करना है।
हाइड्रोग्राफी दिवस की थीम हर बार डिसाइड की जाती है। ऐसे ही साल 2024 के लिए विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस की थीम ‘Hydrographic Information – Enhancing Safety, Efficiency and Sustainability in Marine Activities’ रखी गई है।
विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस 21 जून को हाइड्रोग्राफी के महत्व और हाइड्रोग्राफरों के काम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस की स्थापना 2005 में अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन (IHO) ने की थी। 21 जून के दिन ही अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन (IHO) के रूप में चुना गया, जो वो संगठन है, जिसने ‘विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस’ की स्थापना की थी, इसकी स्थापना 21 जून, 1921 को हुई थी। बता दें कि पहला विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस साल 2006 में मनाया गया था।
‘विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस’ हाइड्रोग्राफी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हाइड्रोग्राफरों के काम का जश्न मनाने का एक मौका है। ये दिन हाइड्रोग्राफी के कई लाभ बताता है। हाइड्रोग्राफिक सर्वे वो डेटा देता है, जिसका उपयोग समुद्री चार्ट बनाने के लिए किया जाता है। ये चार्ट सुरक्षित नेविगेशन के लिए बहुत जरुरी है। हाइड्रोग्राफिक डेटा का उपयोग समुद्री आवासों की पहचान और सुरक्षा के लिए हो सकता है। बता दें कि महासागरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने के लिए हाइड्रोग्राफिक डेटा का उपयोग होता है।
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