वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत की खुशहाली रैंकिंग में पिछले पांच वर्षों में लगातार सुधार हुआ है। यह रिपोर्ट यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर ने गैलप और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (UN SDSN) के सहयोग से जारी की है। भारत 147 देशों में 118वें स्थान पर रहा, जो 2020 में 139वें स्थान से एक महत्वपूर्ण उछाल है। आर्थिक विकास, भ्रष्टाचार की धारणा में सुधार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बढ़ोतरी ने इस प्रगति में योगदान दिया है। हालांकि, सामाजिक समर्थन की कमी और आर्थिक असमानता के कारण भारत अभी भी पाकिस्तान (109वां) और नेपाल (92वां) से पीछे है।
| विषय | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025: भारत 118वें स्थान पर |
| भारत की रैंक (2024) | 118वां (2023 में 126वें से सुधार) |
| सर्वश्रेष्ठ रैंक | 94 (2011) |
| न्यूनतम रैंक | 144 (2019) |
| निजी स्वतंत्रता रैंक | 23वां (पिछले 5 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ) |
| जीडीपी प्रति व्यक्ति रैंक | 93वां (2022 में 97वें से सुधार) |
| भ्रष्टाचार की धारणा | रैंक 71 (2022) से 56 (2024) पर पहुंचा |
| शीर्ष 5 सबसे खुशहाल देश | 1. फ़िनलैंड 2. डेनमार्क 3. आइसलैंड 4. स्वीडन 5. नीदरलैंड |
| निम्नतम 5 देश (असंतोषजनक रैंक) | 143. ज़िम्बाब्वे 144. मलावी 145. लेबनान 146. सिएरा लियोन 147. अफगानिस्तान |
| महत्वपूर्ण परिवर्तन | कोस्टा रिका (6वां) और मेक्सिको (10वां) पहली बार शीर्ष 10 में |
| अमेरिका और यूके का प्रदर्शन | अमेरिका सामाजिक अलगाव के कारण 24वें स्थान पर, यूके 23वें (2017 के बाद सबसे निचली रैंक) |
| खुशहाली रैंकिंग के कारक | जीडीपी प्रति व्यक्ति, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता, भ्रष्टाचार की धारणा |
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