बाबा बैद्यनाथ धाम में झारखंड के कृषि, पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने वैदिक मंत्रोचार के बीच विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का उद्घाटन किया। वहीं इसके बाद बादल पत्रलेख ने झारखंड-बिहार के दुम्मा प्रवेश बॉर्डर पर फीता काटकर 100 किलोमीटर पैदल चलकर आए कांवरियों को बाबाधाम में प्रवेश कराया। यहां से होते हुए कांवरिया बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाएंगे। बता दें सावन का महीना 4 जुलाई, 2023 से शुरू हो गया है। ये मेला विश्व का सबसे लंबा होता है।
बता दें, विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला और बाबाधाम मंदिर में सावन में लाखों श्रद्धालु कांवर लेकर बाबाधाम पहुंचते हैं और बाबा भोलेनाथ पर जल अर्पण करते हैं। प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा को मेले का उद्घाटन किया जाता है। इस वर्ष श्रावणी मेला में 19 सालों के बाद बेहद खास संयोग बना है। दरअसल इस बार श्रावणी मेले के साथ-साथ मलमास मेला भी लगने वाला है।
बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में यह एशिया का सबसे लंबा मेला माना जाता है। इस बार यह मेला दो महीने तक चलेगा। हिंदुओं के धार्मिक पंचांग के अनुसार इस बार श्रावण के बीच में ही एक महीने का अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में श्रावणी मेले का पहला चरण 4 जुलाई से 16 जुलाई तक और दूसरा चरण 16 अगस्त से 31 अगस्त तक रहेगा। इस बीच 17 जुलाई से 15 अगस्त तक अधिकमास या मलमास का महीना रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबाधाम भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन महीने में लाखों भक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए देवघर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। देवघर में जलाभिषेक के बाद ज्यादातर श्रद्धालु दुमका स्थित बासुकीनाथधाम भी जाते हैं।
श्रावणी मेला झारखंड और बिहार राज्यों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस भव्य आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए दोनों सरकारें मिलकर काम करती हैं। विशेष रूप से देवघर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन से लेकर भक्तों के लिए आवास सुविधाओं तक व्यापक उपाय किए हैं। इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान एक सहज अनुभव प्रदान करना है।
झारखंड के मुख्यमंत्री: हेमंत सोरेन
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