नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस, जिसे विश्व ड्रग दिवस के रूप में भी जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित किया जाता है। यह प्रतिवर्ष 26 जून को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में मादक द्रव्यों के सेवन, नशीली दवाओं के ओवरडोज से होने वाली मौतों और नशीली दवाओं से संबंधित समस्याओं के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है।
डाउनलोड करें मई 2022 के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तर की PDF, Download Free PDF in Hindi
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ इस साल के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का थीम/विषय है- “Addressing drug challenges in health and humanitarian crises (स्वास्थ्य और मानवीय संकट में दवा चुनौतियों का समाधान)।” यूएनओडीसी ने इस वर्ष विश्व ड्रग दिवस के उत्सव के लिए #CareInCrises अभियान को आगे बढ़ाया है। यह वार्षिक विश्व ड्रग रिपोर्ट के डेटा पर रोशनी डालते हुए, सरकारों, विश्व नागरिकता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और प्रत्येक हितधारक से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने, उपचार प्रदान करने और अवैध दवा आपूर्ति को प्रतिबंधित प्रतिबंधित करने का आग्रह करता है।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशीली दवाओं से दूर रखना और नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगाना है। इससे बच्चों और बड़ों का भविष्य उज्जवल और सुनहरा होगा। इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है।
नशा करने से न सिर्फ पैसा बर्बाद होत है, बल्कि कई तरह की बीमारियां भी हो जाती हैं। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। भारत में भी इसके खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं। हालांकि, सामाजिक सशक्तिकरण और नशा मुक्त समाज के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर, 1987 को 26 जून के दिन को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग से मुक्त समाज बनाने के लक्ष्य की दिशा में कार्रवाई करना था।
26 जून की तारीख को 18वीं-19वीं सदी के चीन के एक प्रमुख चीनी राजनेता और दार्शनिक लिन ज़ेक्सू द्वारा अभियान को मनाने के लिए चुना गया था, जिन्होंने 3 जून, 1839 से चीन में ब्रिटिश व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से आयात की गई लगभग 1.2 मिलियन किलोग्राम अफीम को नष्ट कर दिया। ज़ेक्सू का सफल अभियान 23 दिनों में समाप्त हो गया था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
सहिष्णुता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन का…
मनोज बाजपेयी की बहुचर्चित फिल्म "द फेबल" ने 38वें लीड्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ…
पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन तुलसी गबार्ड को 13 नवंबर, 2024 को अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप…
जीएमआर हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (GHIAL) ने सऊदी एयरपोर्ट प्रदर्शनी 2024 के दौरान आयोजित प्रतिष्ठित…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित पहले बोडोलैंड महोत्सव का उद्घाटन किया। यह दो…
संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में जारी एक नए डेटा के अनुसार, एशिया और अमेरिका के…