हर वर्ष 17 जून को मनाया जाने वाला मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम के लिए विश्व दिवस हमारे समय की सबसे गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक—भूमि क्षरण (land degradation)—के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का आह्वान है। यह दिवस 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा उस समय स्थापित किया गया था, जब संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम संधि (UNCCD) को अपनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है स्थायी भूमि प्रबंधन को बढ़ावा देना और मरुस्थलीकरण व सूखे के बढ़ते प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना।
यह कार्यशाला विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के अवसर पर आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का आयोजन 2025 की वैश्विक थीम, “भूमि को पुनर्स्थापित करें, अवसरों को खोलें” के अनुरूप किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भूमि पुनर्स्थापन के माध्यम से जलवायु सहनशीलता, जैव विविधता और सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
यह दिन 1992 के रियो अर्थ समिट से प्रेरित है, जहाँ मरुस्थलीकरण, जलवायु परिवर्तन, और जैव विविधता क्षरण को सतत विकास के प्रमुख संकटों के रूप में पहचाना गया। इसके बाद, 1994 में UNCCD को अपनाया गया, जो आज भी भूमि, पर्यावरण और विकास को जोड़ने वाली एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि है। 17 जून को इस संधि की स्वीकृति के उपलक्ष्य में विश्व जागरूकता दिवस घोषित किया गया।
स्वस्थ भूमि खाद्य सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और जलवायु लचीलापन का आधार है।
हर साल 10 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि (मिस्र के आकार के बराबर) खराब हो रही है।
विश्व की 50% से अधिक GDP प्रकृति पर निर्भर है—और भूमि क्षरण से रोज़गार, जैव विविधता, और शांति पर नकारात्मक असर पड़ता है।
भारत में, यह समस्या कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधे प्रभावित करती है।
“भूमि को पुनर्स्थापित करें, अवसरों को खोलें” थीम का उद्देश्य है:
1 अरब हेक्टेयर से अधिक भूमि को पुनर्स्थापित करने का वादा
G20 ग्लोबल लैंड रेस्टोरेशन इनिशिएटिव, Bonn Challenge जैसे अभियान
भारत का लक्ष्य: 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर भूमि को पुनर्स्थापित करना
97.84 मिलियन हेक्टेयर भूमि भारत में क्षतिग्रस्त है।
प्रमुख कारण:
प्रभावित राज्य: राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र
भारत के प्रमुख कार्यक्रम:
नेशनल एक्शन प्लान टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (NAPCD) 2023
CAMPA, ग्रीन इंडिया मिशन, वन अग्नि प्रबंधन योजना
Dehradun में वैश्विक ज्ञान केंद्र (Centre of Excellence) की स्थापना
कार्बन अवशोषण (carbon sequestration) को बढ़ावा देना
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