विश्व नारियल दिवस हर वर्ष 2 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस एशियन पैसिफिक कोकोनट कम्युनिटी (APCC) की स्थापना का स्मरण कराता है। नारियल उद्योग को बढ़ावा देने और सदस्य देशों के बीच समन्वय के उद्देश्य से स्थापित यह संगठन जकार्ता, इंडोनेशिया में मुख्यालय रखता है। आज विश्व के 80 से अधिक देशों में नारियल की खेती होती है। इस दिन के माध्यम से नारियल के पोषण, आर्थिक महत्व और सांस्कृतिक मूल्य के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश है, वैश्विक नारियल उत्पादन और उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
APCC की स्थापना का स्मरण
विश्व नारियल दिवस की शुरुआत 1969 में बने एशियन पैसिफिक कोकोनट कम्युनिटी (APCC) की स्थापना की याद में की गई। इसके सदस्य देशों में भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और श्रीलंका जैसे प्रमुख नारियल उत्पादक शामिल हैं। ये देश अनुसंधान, विकास और व्यापारिक सहयोग के माध्यम से नारियल उद्योग को आगे बढ़ाते हैं।
वैश्विक उत्पादन परिदृश्य
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा नारियल उत्पादक है।
भारत तीसरे स्थान पर है, जहाँ केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश नारियल उत्पादन के प्रमुख राज्य हैं।
नारियल उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है।
पोषण लाभ
लॉरिक अम्ल – जीवाणुरोधी गुणों वाला।
इलेक्ट्रोलाइट्स – नारियल पानी को प्राकृतिक ऊर्जा पेय बनाते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स – रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
आर्थिक योगदान
नारियल की खेती से विशेषकर भारत के तटीय और दक्षिणी राज्यों में लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। नारियल से प्राप्त उत्पाद जैसे – नारियल तेल, जटा (coir), सक्रिय चारकोल आदि, पूरी तरह आर्थिक दृष्टि से उपयोगी हैं।
खाद्य और पेय पदार्थों में
नारियल तेल और दूध भारतीय, थाई और दक्षिण भारतीय व्यंजनों के प्रमुख अंग हैं।
नारियल पानी पोषण से भरपूर और ताज़गी देने वाला पेय है।
सूखा नारियल (desiccated coconut) बेकरी और मिठाई उद्योग में उपयोग होता है।
हस्तकला और निर्माण में
पत्तों से झाड़ू, टोकरियाँ और चटाइयाँ बनाई जाती हैं।
जटा (coir) से रस्सी, गद्दे और ब्रश बनाए जाते हैं।
नारियल के छिलके और खोल को पर्यावरण अनुकूल ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
सौंदर्य और स्वास्थ्य उत्पादों में
नारियल तेल बाल और त्वचा की देखभाल में प्रयुक्त होता है।
इसके जीवाणुरोधी और फफूंदनाशी गुण इसे प्राकृतिक औषधि का हिस्सा बनाते हैं।
नारियल विकास बोर्ड (CDB) की भूमिका
भारत में नारियल विकास बोर्ड (कृषि मंत्रालय के अंतर्गत) विश्व नारियल दिवस पर राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करता है, जिनमें शामिल हैं –
नारियल खेती और उद्योग में उत्कृष्टता हेतु पुरस्कार
नारियल आधारित नवाचारों की प्रदर्शनी
किसानों और उद्यमियों के लिए कार्यशालाएँ व सेमिनार
2019 में राष्ट्रीय आयोजन असम में किया गया था, जिसे एक उभरते हुए नारियल उत्पादक राज्य के रूप में रेखांकित किया गया। यहाँ 33,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में नारियल की खेती होती है।
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