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विश्व बाल दिवस 2023: जानें इतिहास और महत्व

हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही बच्चों की प्रतिभा को तराशना है। भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। हालांकि, दुनिया में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे से बेहद लगाव था। बच्चे भी उन्हें खूब प्यार करते थे। इसके लिए बच्चे उन्हें चाचा कहकर पुकारते थे। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु हुई। उसके बाद से हर साल 14 नवंबर यानी नेहरू जी के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाने लगा। इससे पहले भारत में भी 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता था।

 

विश्व बाल दिवस का महत्व

साल 1964 के पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। संयुक्त राज्य अमेरिका में भी 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं। इसके लिए देश के स्वर्णिम विकास के लिए बच्चों का विकास जरूरी है। इस दिन लोगों को बाल अधिकारों और शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके लिए दुनियाभर में संगोष्ठी आयोजित की जाती है।

 

विश्व बाल दिवस का इतिहास

विश्व बाल दिवस मनाने की शुरुआत साल 1954 से हुई। इसी वर्ष पहली बार 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया गया। इसके बाद से हर साल 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा। साल 1959 में संसद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों के प्रस्ताव को स्वीकार किया था। इसी दिन बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की वर्षगांठ भी होती है। उस समय से हर साल 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है।

 

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vikash

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