विश्व मस्तिष्क दिवस 2025: थीम, इतिहास, महत्व

हर साल 22 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस (World Brain Health Day) जीवन के सभी चरणों में मस्तिष्क स्वास्थ्य की सुरक्षा और उसे बेहतर बनाने की वैश्विक आवश्यकता की याद दिलाता है। यह दिवस वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी (WFN) द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना, समय रहते हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित करना, और मस्तिष्क के अनुकूल जीवनशैली अपनाने को प्रोत्साहित करना है। जैसे-जैसे दुनियाभर में डिमेंशिया, स्ट्रोक, और पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, यह दिवस व्यक्तियों और समुदायों को मस्तिष्क स्वास्थ्य को निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता बनाने के लिए प्रेरित करता है।

विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम

विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम “सभी उम्र के लोगों के लिए ब्रेन हेल्थ” है। यह थीम भ्रूण से लेकर बुढ़ापे तक, सभी लोगों के दिमाग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। इस थीम का उद्देश्य लोगों के बीच ब्रेन हेल्थ को लेकर जागरुकता बढ़ाना, लोगों को शिक्षित करना और सभी उम्र के लोगों में ब्रेन हेल्थ की सही देखभाल को लेकर पहुंच बनाना है।

इतिहास और पृष्ठभूमि

विश्व मस्तिष्क दिवस (World Brain Day) की शुरुआत 2014 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी (WFN) द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समय पर इलाज को प्रोत्साहित करना था। शुरूआत में यह दिवस व्यापक न्यूरोलॉजिकल विषयों को उजागर करता था, लेकिन 2023 से इसका फोकस “मस्तिष्क स्वास्थ्य और रोकथाम (Brain Health and Prevention)” की ओर केंद्रित हो गया। यह बदलाव केवल इलाज से आगे बढ़कर रोकथाम आधारित मस्तिष्क देखभाल को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम था।

मस्तिष्क स्वास्थ्य क्यों महत्वपूर्ण है

मस्तिष्क का स्वास्थ्य समग्र कल्याण, उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता के लिए अत्यंत आवश्यक है। मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां किसी व्यक्ति की कार्य करने, सोचने और सामाजिक संबंध निभाने की क्षमता को सीमित कर सकती हैं। विश्व मस्तिष्क स्वास्थ्य दिवस लोगों को यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि खराब आहार, दीर्घकालिक तनाव, और बैठे रहने की जीवनशैली जैसे जोखिम कारकों से कैसे बचा जाए और मानसिक लचीलापन, न्यूरोप्लास्टिसिटी और जीवनभर की संज्ञानात्मक क्षमता को बनाए रखा जाए।

मस्तिष्क स्वास्थ्य सुधारने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन

  1. गुणवत्तापूर्ण नींद को प्राथमिकता दें
    प्रतिदिन 7–9 घंटे की नींद जरूरी है, जिससे याद्दाश्त मजबूत होती है और मस्तिष्क से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। सोने से पहले स्क्रीन का उपयोग न करें और शांत, अंधेरे वातावरण में आराम करें।

  2. नियमित व्यायाम करें
    शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाती है, याददाश्त को बेहतर बनाती है और संज्ञानात्मक ह्रास को धीमा करती है। आप वॉकिंग, योग, स्विमिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग चुन सकते हैं।

  3. मस्तिष्क के अनुकूल आहार लें
    ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, बेरीज, हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली खाएं। मेडिटेरेनियन डाइट विशेष रूप से लाभदायक मानी जाती है।

  4. मानसिक रूप से सक्रिय रहें
    पढ़ाई, पहेलियाँ हल करना या नई भाषा सीखना जैसे कार्य मस्तिष्क को सक्रिय रखते हैं और बढ़ती उम्र से होने वाली गिरावट को टालते हैं।

  5. दीर्घकालिक तनाव को नियंत्रित करें
    पुराना तनाव याददाश्त और भावनात्मक संतुलन को प्रभावित करता है। माइंडफुलनेस, मेडिटेशन या अपने पसंदीदा शौक के ज़रिए तनाव को संभालें।

  6. सामाजिक संबंध बनाए रखें
    नियमित और सार्थक संवाद अकेलेपन और डिप्रेशन से बचाता है, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। दोस्तों से मिलें, सामुदायिक गतिविधियों में भाग लें।

  7. शराब और धूम्रपान से बचें
    अल्कोहल और तंबाकू से दूरी बनाना स्मृति ह्रास, स्ट्रोक और मस्तिष्क क्षरण से बचाने में सहायक होता है।

  8. पर्याप्त पानी पिएं
    मस्तिष्क 75% पानी से बना होता है। हल्की डिहाइड्रेशन भी एकाग्रता और मूड पर असर डालती है। रोजाना 7–8 गिलास पानी जरूर पिएं और मीठे पेयों से बचें।

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vikash

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