विश्व अल्जाइमर दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक वैश्विक प्रयास है। इसका उद्देश्य अल्जाइमर रोग के साथ-साथ अन्य प्रकार के मनोभ्रंश से जुड़े कलंक को भी मिटाना है। सितंबर माह को विश्व अल्जाइमर माह के रूप में मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश का सबसे आम प्रकार है और 60-70 प्रतिशत मामलों में इसका योगदान होता है। अल्जाइमर रोग एक प्रोग्रेसिव ब्रेन डिसऑर्डर है जो मेमोरी, सोच और बिहेवियर को प्रभावित करता है। ये लक्षण समय के साथ बदतर होते जाते हैं और किसी की डेली लाइफ और एक्टविटीज को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं। ये आमतौर पर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
इस साल अल्जाइमर्स डे की थीम है “नेवर टू अर्ली, नेवर टू लेट”। यह थीम डिमेंशिया से बचाव के लिए जल्द से जल्द अल्जाइमर के लक्ष्णों को पहचानने और उससे बचने के तरीकों को अपनाने पर जोर दे रही है। साथ ही यह इस बात पर भी जोर दे रही है कि जिन लोगों को यह बीमारी हो चुकी है, उनके लिए भी देर नहीं हुई है और वे अब भी इसे और बढ़ने से रोक सकते हैं।
अल्जाइमर रोग एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है जो लाखों लोगों और उनके परिवारों को प्रभावित करती है। विश्व अल्जाइमर दिवस बीमारी, इसके लक्षणों, जोखिम कारकों और व्यक्तियों और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। विश्व अल्जाइमर दिवस अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्तियों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए बेहतर समर्थन और संसाधनों की वकालत करता है। यह बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, अनुसंधान निधि और सहायता नेटवर्क की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 21 सितंबर, 1994 को विश्व अल्जाइमर दिवस की शुरुआत की। इसे 1984 में स्थापित अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर एडिनबर्ग में पेश किया गया था।
अल्जाइमर रोग के कारण आपका ब्रेन सिकुड़ जाता है, जिसकी वजह से याददाश्त, सोच, बिहेवियर और सोशल स्किल में धीरे-धीरे गिरावट आती है। याददाश्त में कमी, रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई, बोलने में परेशानी, व्यक्तित्व में बदलाव और मूड में बदलाव अल्जाइमर रोग के कुछ लक्षण हैं। जैसे-जैसे लक्षण बिगड़ते हैं, व्यक्ति बार-बार बयान दोहरा सकता है, परिवार के सदस्यों के नाम भूल सकता है, चीजों को गलत जगह रख सकता है और विचार व्यक्त करने में परेशानी हो सकती है। अल्जाइमर का अभी तक कोई इलाज नहीं है। हालांकि, दवा लक्षणों को मैनेज करने और लाइफ क्वालिटी में सुधार करने में मदद कर सकती है।
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