विप्रो ने पहली बार बाजार पूंजीकरण में 3 ट्रिलियन रुपये को छुआ है, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंफोसिस के बाद मील का पत्थर हासिल करने वाली तीसरी भारतीय आईटी फर्म बन गई है. कंपनी ने जर्मन रिटेलर मेट्रो से अपनी अब तक की सबसे बड़ी और 7.1 बिलियन डॉलर की डील जीती है. भारत में कुल 13 सूचीबद्ध फर्म हैं, जिन्होंने 3 ट्रिलियन एम-कैप को पार कर लिया है. विप्रो अब 14वें स्थान पर है.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है, जिसका बाजार पूंजीकरण 14.05 ट्रिलियन रुपये है, इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक क्रमशः 11.58 ट्रिलियन रुपये और 8.33 ट्रिलियन रुपये के एम-कैप के साथ हैं.
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