भारत के चुनाव आयोग ने 345 गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों (RUPPs) को अपनी लिस्ट से हटाने का फैसला किया है। ये वे दल हैं जो पिछले 6 सालों में एक भी चुनाव नहीं लड़े और इनके पंजीकृत पते पर कोई कार्यालय नहीं मिला। चुनाव आयोग ने बताया कि देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले इन 345 दलों ने रजिस्टर्ड अनरजिस्टर पॉलिटिकल पार्टी के रूप में बने रहने की अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं किया। आयोग के पास वर्तमान में 2800 से ज्यादा RUPPs रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से कई दल न तो चुनाव लड़ रहे हैं और न ही अपनी मौजूदगी साबित कर पा रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 345 पंजीकृत अप्रत्याक्षित राजनीतिक दलों (Registered Unrecognised Political Parties – RUPPs) को शोकॉज नोटिस जारी किए हैं। ये वे दल हैं जिन्होंने 2019 के बाद से कोई चुनाव नहीं लड़ा है और जिनका भौतिक पता उपलब्ध नहीं है। यह कदम निर्वाचन सुधारों के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, विशेषकर ऐसे दलों के विलयन (de-listing) की प्रक्रिया को सशक्त करने की दिशा में, जो सिर्फ कागजों पर अस्तित्व में हैं।
ये वे राजनीतिक दल हैं जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के अंतर्गत ECI में पंजीकृत होते हैं।
लेकिन वे राज्य या राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होते, क्योंकि उनका चुनावी प्रदर्शन न्यूनतम शर्तें पूरी नहीं करता।
आयकर में छूट (धारा 13A, आयकर अधिनियम 1961 के तहत)।
चुनाव चिह्न का आवंटन।
20 स्टार प्रचारकों के नामांकन का अधिकार।
भारत में 2800+ RUPPs पंजीकृत हैं, परंतु 2024 के आम चुनावों में केवल 750 ने ही भाग लिया।
शेष “लेटर पैड पार्टियाँ” कहलाती हैं — जो सिर्फ कागजों पर हैं, धरातल पर सक्रिय नहीं।
टैक्स छूट का दुरुपयोग
दानदाताओं की जानकारी नहीं दी जाती (धारा 29C का उल्लंघन)
कार्यालयों/पदाधिकारियों की जानकारी अपडेट नहीं की जाती
कई दलों का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं मिलता — धोखाधड़ी की आशंका
सुप्रीम कोर्ट ने Indian National Congress बनाम Institute of Social Welfare (2002) मामले में कहा:
ECI किसी पार्टी का de-registration तभी कर सकता है, जब:
पंजीकरण धोखे से प्राप्त किया गया हो
दल संविधान के प्रति निष्ठा छोड़ दे
दल को सरकार गैरकानूनी घोषित कर दे
345 RUPPs की पहचान, जिनमें से:
2019 के बाद कोई चुनाव नहीं लड़ा
कोई वैध पता या संपर्क जानकारी नहीं
राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को नोटिस भेजने का निर्देश
मार्च 2024 (मई 2025 तक अद्यतन) सूची के अनुसार:
281 दल de-list किए गए
217 को निष्क्रिय घोषित किया गया
RP अधिनियम, 1951 में ECI को दलों का de-registration करने का स्पष्ट अधिकार नहीं दिया गया है।
कानून आयोग की सिफारिशें:
170वीं रिपोर्ट (1999): राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र अनिवार्य हो
255वीं रिपोर्ट (2015): 10 वर्षों से चुनाव में भाग नहीं लेने वाले दलों को हटाने की व्यवस्था
ECI का 2016 का मेमोरेंडम: RP अधिनियम में संशोधन की मांग
चुनावी पारदर्शिता और प्रक्रियाओं की शुद्धता बढ़ेगी
करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा
राजनीतिक दलों में जवाबदेही और संवैधानिक मूल्यों का पालन सुनिश्चित होगा
व्यापक चुनावी और राजनीतिक सुधारों की नींव तैयार होगी
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