चीन का AI चैटबॉट DeepSeek AI हाल ही में वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। इसे शुरू में चीन के ChatGPT के जवाब के रूप में देखा गया, लेकिन कुछ ही दिनों में यह विभिन्न देशों के सरकारी नियामकों की कड़ी जांच के दायरे में आ गया।
डीपसीक पर बैन लगाने वालों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत और अन्य देश शामिल हैं। इस पर बैन लगाने वाले देशों का कहना है कि सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं के चलते ऐसा किया जा रहा है। यहां हम आपको उन सभी देशों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने चाइनीज एआई मॉडल को बैन किया है।
विभिन्न सरकारों ने DeepSeek AI पर प्रतिबंध लगाने के कई कारण बताए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
जनरेटिव AI के बढ़ते उपयोग को देखते हुए देश अब इस बात को लेकर अधिक सतर्क हो रहे हैं कि विदेशी AI मॉडल यूजर डेटा को कैसे प्रोसेस और स्टोर करते हैं, खासकर जब AI उन देशों से संबंधित हो जहां सरकारी निगरानी प्रणाली (Government Surveillance Policies) सख्त हैं।
कई देशों ने DeepSeek AI पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों, सार्वजनिक संस्थानों और कुछ मामलों में आम नागरिकों को इसे इस्तेमाल करने से रोका गया है।
इटली दुनिया का पहला देश बना जिसने DeepSeek AI पर प्रतिबंध लगाया।
प्रतिबंध का कारण:
इटली के डेटा सुरक्षा प्राधिकरण (DPA) ने AI चैटबॉट की डेटा संग्रह और उपयोगकर्ता गोपनीयता नीतियों को लेकर चिंता जताई। Euroconsumers नामक उपभोक्ता अधिकार समूह की शिकायत के बाद DPA ने DeepSeek AI के डेवलपर्स से जानकारी मांगी, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
प्रतिबंध का दायरा:
ताइवान ने DeepSeek AI पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) में इसके उपयोग पर रोक लगा दी है।
प्रतिबंध का दायरा:
मुख्य चिंता:
ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने DeepSeek AI में डेटा लीक और चीनी सरकार द्वारा संभावित निगरानी (Surveillance) के जोखिम को प्रमुख कारण बताया है।
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए DeepSeek AI के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसे एक गंभीर सुरक्षा जोखिम करार देते हुए
प्रतिबंध का निर्णय:
प्रतिबंध के प्रमुख कारण:
प्रतिबंध का दायरा:
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने नागरिकों से ऑनलाइन डेटा गोपनीयता को लेकर सतर्क रहने का आग्रह किया है, यह बताते हुए कि AI-संचालित साइबर खतरों का जोखिम बढ़ रहा है।
अन्य कई सरकारें DeepSeek AI की सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा कर रही हैं, जिससे आने वाले समय में और प्रतिबंध लगने की संभावना है।
संभावित देश जो प्रतिबंध लगा सकते हैं:
DeepSeek AI पर बढ़ते प्रतिबंध वैश्विक स्तर पर AI नियमन (Regulation) में बदलाव की ओर इशारा करते हैं। अब देश अपनी साइबर सुरक्षा और डेटा संप्रभुता (Data Sovereignty) को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि AI प्लेटफॉर्म:
ये प्रतिबंध यह भी दर्शाते हैं कि चीन और पश्चिमी देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, और AI तकनीक अब डिजिटल सुरक्षा और वैश्विक तकनीकी प्रभुत्व (Technological Supremacy) की नई प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन रही है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 15 मार्च 2025 को असम के डेरगांव में लचित बरफुकन…
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल जल्द ही NASDAQ स्टॉक…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण…
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित राज्य…
कोलकाता में मानव कोरोनावायरस HKU1 का एक मामला सामने आया है, जिससे लोगों में चिंता…
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप…