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कौन हैं शुभांशु शुक्ला और क्यों है उनका अंतरिक्ष मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक?

भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है, जब भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ओर प्रस्थान करेंगे। वे पिछले चार दशकों में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। यह ऐतिहासिक उपलब्धि Axiom-4 (Ax-4) मिशन के माध्यम से हासिल होगी, जिसका प्रक्षेपण 11 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन यान द्वारा किया जाएगा।

मूल रूप से 10 जून को निर्धारित इस मिशन को प्रतिकूल मौसम के कारण एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। यह मिशन न केवल एक अंतरिक्ष यात्री की उड़ान का प्रतीक है, बल्कि भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा क्षमता में बढ़ते आत्मविश्वास और गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की ओर मजबूत कदम का संकेत भी देता है। प्रक्षेपण में देरी नासा की सुरक्षा प्राथमिकताओं और सावधानीपूर्ण प्रक्रिया को भी दर्शाती है।

यह भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण इतिहास का एक ऐतिहासिक अध्याय है, जिसमें भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशक बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सवार होने वाले हैं, जो Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत संभव हो रहा है। यह मिशन 11 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से SpaceX के क्रू ड्रैगन यान के ज़रिए प्रक्षेपित होगा।

शुभांशु शुक्ला: मुख्य तथ्य

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया और फिर भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M.Tech किया।

सैन्य करियर और उड़ान अनुभव

2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन पाने के बाद, उन्होंने 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया। उन्होंने जिन प्रमुख विमानों को उड़ाया है, उनमें शामिल हैं:

  • सुखोई Su-30 MKI

  • मिग-29

  • जैगुआर

  • डॉर्नियर-228

अंतरिक्ष यात्री चयन

2019 में उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुना गया। इसके तहत उन्हें रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु स्थित इसरो के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में गहन प्रशिक्षण दिया गया।

Axiom-4 मिशन: एक वैश्विक सहयोग

यह मिशन Axiom Space द्वारा आयोजित चौथा मानव अंतरिक्ष मिशन है। इसमें शामिल हैं:

  • कमांडर: पेगी व्हिटसन (अमेरिका)

  • मिशन पायलट: शुभांशु शुक्ला (भारत)

  • क्रू सदस्य: स्वावोश उज्नांस्की (पोलैंड), टिबोर कापू (हंगरी)

मिशन उद्देश्य

14 से 21 दिनों तक यह दल ISS पर रहेगा और 31 देशों के सहयोग से 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा:

  • जैव-चिकित्सा अनुसंधान

  • पृथ्वी अवलोकन

  • सामग्री विज्ञान

  • नई तकनीकों का परीक्षण

भारत की ऐतिहासिक वापसी

1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद, शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष की यात्रा कर रहे हैं। राकेश शर्मा को प्रेरणा मानने वाले शुक्ला की यह उड़ान भारत की मानवीय अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को नई ऊंचाई देगी।

भारत की भविष्य की योजना: गगनयान मिशन

Ax-4 मिशन से प्राप्त अनुभव भारत के स्वदेशी मानव अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा, जिसकी लॉन्चिंग 2027 तक संभावित है। इसरो द्वारा ₹550 करोड़ का निवेश इस मिशन में किया गया है।

प्रेरणा और युवा भारत

“यह केवल मेरी यात्रा नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की यात्रा है” — शुक्ला का यह वक्तव्य इस मिशन की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है। यह मिशन विशेष रूप से भारतीय युवाओं को STEM क्षेत्रों में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।

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