बांके बिहारी कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के आसपास विकसित किया जा रहा एक प्रमुख आधारभूत एवं तीर्थ विकास परियोजना है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित सबसे पूजनीय धार्मिक स्थलों में से एक है।
कॉरिडोर का उद्देश्य
बांके बिहारी कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य है:
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मंदिर क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करना
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विशेष रूप से जन्माष्टमी, होली जैसे पर्वों पर श्रद्धालुओं की आवागमन और सुरक्षा में सुधार
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श्रद्धालु अनुभव को बेहतर बनाना, जिसमें सुव्यवस्थित और सौंदर्यपूर्ण वातावरण की रचना शामिल है
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आपातकालीन चिकित्सा और सुरक्षा सेवाओं की सुगम पहुँच सुनिश्चित करना
कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएँ
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चौड़ाई: प्रस्तावित कॉरिडोर 7 मीटर चौड़ा होगा ताकि श्रद्धालुओं और धार्मिक जुलूसों का सुचारु संचालन हो सके
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कुल क्षेत्रफल: परियोजना का विस्तार लगभग 5.5 एकड़ में होगा, जो मंदिर परिसर के चारों ओर फैला होगा
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डिज़ाइन: परियोजना का डिज़ाइन वृंदावन की विरासत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है
प्रस्तावित सुविधाएँ
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श्रद्धालुओं के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र
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सार्वजनिक शौचालय
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चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाएँ
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पेयजल सुविधा
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दुकानें और सांस्कृतिक प्रदर्शन क्षेत्र
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सुरक्षा के लिए निगरानी प्रणाली
सरकारी भूमिका
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यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जो राज्य में धार्मिक पर्यटन और आधुनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस परियोजना में सक्रिय रुचि दिखा रहे हैं और उन्होंने इसके आध्यात्मिक महत्व और आर्थिक संभावना दोनों पर बल दिया है
विवाद और चिंताएँ
यद्यपि यह परियोजना कई लाभ प्रदान करती है, लेकिन इसके कुछ पहलुओं को लेकर विवाद भी उत्पन्न हुए हैं:
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स्थानीय निवासियों और पुजारियों को आशंका है कि भूमि अधिग्रहण से पुरानी इमारतें, घर और छोटे व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं
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वृंदावन की पारंपरिक धार्मिक भावना और सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखने को लेकर चिंता व्यक्त की गई है
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मंदिरों और विरासत संरचनाओं की रक्षा के लिए कानूनी याचिकाएँ और जन-आंदोलन भी हुए हैं