रैबिट फीवर, जिसे तुलारेमिया भी कहा जाता है, एक दुर्लभ और कभी-कभी जानलेवा संक्रामक रोग है, जो फ्रांसिसेला तुलारेन्सिस बैक्टीरिया द्वारा होता है। यह रोग मनुष्यों को संक्रमित जानवरों के संपर्क, काटने या प्रदूषित पानी से प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, घाव, और श्वसन समस्याएँ शामिल हैं। तुलारेमिया का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है, लेकिन अमेरिका में इसके लिए कोई वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है। 2011 से 2022 तक तुलारेमिया संक्रमणों की वार्षिक औसत घटनाओं में 2001 से 2010 के मुकाबले 56 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
यह रोग मुख्य रूप से खरगोशों, हरे और कृन्तकों में पाया जाता है। तुलारेमिया बच्चों, विशेष रूप से 5-9 साल के बच्चों, वृद्ध पुरुषों और अमेरिकी भारतीयों या अलास्का मूल निवासियों में अधिक पाया जाता है। इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं, और सभी प्रकार के मामलों में उच्च बुखार एक सामान्य लक्षण होता है।
लक्षण:
- त्वचा पर घाव (जो टिक या हिरण के कीड़ों के काटने के बाद दिखते हैं)
- आंखों में जलन और सूजन
- सांस लेने में कठिनाई
- गले में खराश, मुँह के छाले
संक्रमण:
मनुष्य कई तरीकों से संक्रमित हो सकते हैं, जैसे टिक और हिरण के कीड़े के काटने, संक्रमित जानवरों जैसे खरगोश, कृन्तक और हरे के संपर्क में आना। संक्रमण प्रदूषित पानी पीने, संदूषित एयरोसोल या कृषि और बागवानी धूल को साँस में लेने, और प्रयोगशाला में संपर्क के द्वारा भी फैल सकता है।
इलाज:
तुलारेमिया के खिलाफ अमेरिका में अभी तक कोई वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है। यह रोग एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है।