किसी पोप की मृत्यु होने पर कैथोलिक परंपरा, पवित्र कानून और सदियों पुराने प्रतीकों पर आधारित एक विस्तृत और प्राचीन प्रक्रिया शुरू होती है। यह प्रक्रिया रोमन कैथोलिक चर्च के भीतर सत्ता के सुचारू संक्रमण को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। इसमें सिस्टीन चैपल में विशेष गुप्तता और धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर वैटिकन के ऊपर उठते सफेद या काले धुएँ तक कई महत्वपूर्ण चरण शामिल होते हैं। यह परंपरा न केवल गहन धार्मिक अर्थ रखती है, बल्कि यह विश्व भर के करोड़ों कैथोलिकों के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण भी होती है।
“सेडे वेकांते” की अवधि – रिक्त सिंहासन की स्थिति
जब किसी पोप का निधन होता है, तो कैथोलिक चर्च “सेडे वेकांते” (Sede Vacante) की अवधि में प्रवेश करता है, जिसका अर्थ है कि पोप का सिंहासन रिक्त है। इस दौरान पोप का पद आधिकारिक रूप से खाली माना जाता है और कोई भी बड़ा निर्णय तब तक नहीं लिया जा सकता जब तक नया पोप निर्वाचित न हो जाए।
इस मृत्यु की पुष्टि सबसे पहले कैमरलेन्गो (Camerlengo) या चैम्बरलेन द्वारा की जाती है, जो इस संक्रमण काल में वैटिकन के प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों को संभालते हैं। वे पोप के निजी आवास को सील कर देते हैं, जिससे आधिकारिक रूप से पोप के कार्यकाल का अंत हो जाता है।
वर्तमान में यह पद कार्डिनल केविन फैरेल (Cardinal Kevin Farrell), जो आयरिश मूल के अमेरिकी कार्डिनल हैं, के पास है।
पोप की मृत्यु के बाद वैटिकन कौन चलाता है?
पोप के निधन के साथ ही अधिकांश वैटिकन अधिकारी अपने पद खो देते हैं, लेकिन कुछ अहम पदाधिकारी कार्यरत रहते हैं:
कैमरलेन्गो (Camerlengo)
वैटिकन के विदेश मामलों के सचिव (विदेश मंत्री)
लिटर्जिकल सेरेमनीज़ के मास्टर (धार्मिक अनुष्ठानों के संचालक)
कार्डिनल कॉलेज के डीन (Cardinal Giovanni Battista Re), जो अंतिम संस्कार की व्यवस्था, प्रार्थनाएँ और नए पोप के चुनाव की तैयारियाँ करते हैं।
पोप का अंतिम संस्कार और शोक अनुष्ठान
पोप का अंतिम संस्कार एक अत्यंत गंभीर और प्रतीकात्मक कार्यक्रम होता है। उनका ताबूत सेंट पीटर्स बेसिलिका में दर्शन के लिए रखा जाता है। अंतिम संस्कार मृत्यु के चौथे से छठे दिन के बीच होता है, जिसके बाद नौ दिनों का पारंपरिक शोक काल “नोवेंदियाली” (Novendiali) मनाया जाता है।
पोप फ्रांसिस ने 2024 में अपने अंतिम संस्कार के लिए अनुष्ठानों को सरल किया और अनुरोध किया कि उन्हें संत मैरी मेजर बेसिलिका में दफनाया जाए, सलुस पोपूली रोमानी (Salus Populi Romani) के पास।
कॉनक्लेव की समय-सीमा
शोककाल शुरू होने के साथ ही दुनिया भर के कार्डिनल्स रोम पहुँचने लगते हैं। नियमों के अनुसार, पोप के निधन के 15 से 20 दिनों के भीतर कॉन्क्लेव शुरू होना चाहिए, लेकिन सभी कार्डिनल्स के समय से पहुँचने पर इसे जल्दी भी शुरू किया जा सकता है।
नया पोप कौन चुनता है?
केवल 80 वर्ष से कम उम्र के कार्डिनल्स ही वोट देने के पात्र होते हैं। वर्तमान वैटिकन आँकड़ों के अनुसार, अधिकतम 120 कार्डिनल्स मतदान कर सकते हैं (कभी-कभी यह संख्या हालिया नियुक्तियों के कारण थोड़ी अधिक हो जाती है)।
80 वर्ष से अधिक उम्र वाले कार्डिनल्स वोट नहीं करते, लेकिन वे सामान्य बैठक (General Congregation) में चर्च की चुनौतियों पर चर्चा करते हैं।
हालाँकि कोई भी बपतिस्मा प्राप्त रोमन कैथोलिक पुरुष पोप बन सकता है, लेकिन 1378 के बाद से अब तक केवल कार्डिनल्स ही चुने गए हैं।
संभावित उम्मीदवार (Papal Contenders)
कार्डिनल पिएत्रो पैरोलीन (इटली) – वेटिकन के विदेश सचिव
कार्डिनल लुइस एंटोनियो टैगले (फिलीपींस) – मिशनरी कार्यालय के प्रमुख
कार्डिनल मत्तेओ ज़ुप्पी (इटली) – इटली के बिशपों के नेता
कार्डिनल क्रिस्टोफ़ शोनबोर्न (ऑस्ट्रिया) – पोप बेनेडिक्ट XVI के छात्र
कार्डिनल मार्क ओउलेट (कनाडा) – बिशपों की समिति के पूर्व प्रमुख
पोप कैसे चुना जाता है?
कॉनक्लेव सिस्टीन चैपल में आयोजित होता है। सभी कार्डिनल गोपनीयता की शपथ लेते हैं और बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता। प्रारंभिक मास के बाद मतदान शुरू होता है – दिन में अधिकतम चार बार मतदान (सुबह दो, दोपहर दो) होता है।
मतदान के लिए विशेष आयताकार बैलेट का उपयोग होता है, जिस पर लिखा होता है:
“Eligo in Summum Pontificem” (मैं सर्वोच्च पोप के रूप में ___ को चुनता हूँ)।
यदि किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता है, तो बैलेट्स को सिला जाता है और जलाकर धुआँ उत्पन्न किया जाता है।
धुएँ के संकेत और अंतिम परिणाम
काला धुआँ (Black Smoke): कोई निर्णय नहीं
सफेद धुआँ (White Smoke): नया पोप चुना गया है
स्पष्ट संकेत के लिए विशेष रसायनों का प्रयोग किया जाता है। साथ ही, नए पोप के चुने जाने पर घंटी बजाई जाती है।
घोषणा का क्षण
जब कोई कार्डिनल आवश्यक बहुमत प्राप्त कर लेता है और पद स्वीकार करता है, तो वह एक पोपीय नाम चुनता है। फिर वरिष्ठ कार्डिनल डीकन सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी पर आकर घोषणा करते हैं:
“Habemus Papam” – हमारे पास एक पोप है!
इसके बाद नया पोप सामने आकर अपना पहला सार्वजनिक आशीर्वाद देते हैं, और उनके पोंटिफिक कार्यकाल की शुरुआत होती है।
गोपनीयता और सुरक्षा प्रावधान
पोप बेनेडिक्ट XVI ने कॉन्क्लेव की गोपनीयता के नियमों को और सख्त किया। अंदर की जानकारी लीक करने पर स्वतः बहिष्कार (excommunication) होता है।
सभी भागीदारों – कार्डिनल्स, सहायकों, तकनीकी कर्मचारियों – को यह शपथ लेनी होती है कि वे कोई जानकारी साझा नहीं करेंगे, और कोई उपकरण उपयोग नहीं करेंगे।
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