भारतीय संविधान ने चुनाव आयोग (Election Commission of India) को एक संवैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया है, जो पूरे देश में चुनावी प्रक्रिया की निगरानी और संचालन के लिए जिम्मेदार है। यह आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में पहला चुनाव आयोग 25 जनवरी 1950 को गठित किया गया था।
भारतीय चुनाव आयोग के कार्य
चुनाव आयोग संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया को नियंत्रित और संचालित करता है। इसके कार्य निम्नलिखित हैं:
- चुनावी चिह्न जारी करना – चुनाव में भाग लेने वाले राजनीतिक दलों को चुनावी चिह्न आवंटित करना।
- राजनीतिक दलों को मान्यता देना – राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर पार्टियों को मान्यता प्रदान करना।
- चुनाव बजट निर्धारण – चुनाव संचालन के लिए बजट निर्धारित करना, जिसमें मतदान एजेंटों का प्रबंधन, स्टेशनरी, स्वच्छता उपाय आदि शामिल होते हैं।
- चुनाव खर्च की समीक्षा – उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत खर्च की सूची की जांच करना और अवैध खर्च पाए जाने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की शक्ति रखना।
- मतदाता सूची तैयार करना – चुनावी सूची को तैयार और अपडेट करना।
- चुनाव तिथियों की घोषणा – मतदान की तिथि और समय निर्धारित करना।
- चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति – विभिन्न मतदान क्षेत्रों में चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति करना।
- मतदान क्षेत्रों का निर्धारण – निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान क्षेत्रों का निर्धारण और पुनर्गठन करना।
- नामांकन पत्रों की जांच – उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों और दस्तावेजों की जांच करना।
- चुनावी विवादों का समाधान – चुनावी चिह्न और पार्टी मान्यता से संबंधित विवादों का निपटारा करना।
- चुनावी खर्च की सीमा तय करना – प्रत्येक उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च की सीमा तय करना और चुनाव प्रचार की समयावधि निर्धारित करना।
- आचार संहिता लागू करना – चुनावी आचार संहिता जारी करना (पहली बार 1971 के 5वें आम चुनाव में लागू की गई)।
- अयोग्यता का अधिकार – यदि कोई उम्मीदवार चुनावी नियमों का उल्लंघन करता है, तो आयोग उसे चुनाव के बाद भी अयोग्य घोषित कर सकता है।
भारतीय चुनाव आयोग के प्रमुख अधिकारी
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer)
- जिला निर्वाचन अधिकारी (District Election Officer)
- रिटर्निंग अधिकारी (Returning Officer)
- निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (Electoral Registration Officer)
भारतीय चुनाव आयोग, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों की गारंटी देकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।