भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 5 मार्च 2025 को राष्ट्रपति भवन में ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। यह महोत्सव भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है, जिसमें प्रत्येक संस्करण में विभिन्न क्षेत्रों की झलक देखने को मिलती है। इस बार का आयोजन दक्षिण भारत के राज्यों – कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों – लक्षद्वीप और पुडुचेरी पर केंद्रित है।
यह पहल कारीगरों, कलाकारों, साहित्यकारों और पाक विशेषज्ञों को अपने हुनर को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे आगंतुक दक्षिण भारतीय परंपराओं, हस्तशिल्प, साहित्य और व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
विविधता का अमृत महोत्सव: प्रमुख आकर्षण
1. उद्देश्य और थीम
- भारत की सांस्कृतिक विविधता को विभिन्न क्षेत्रीय संस्करणों के माध्यम से उजागर करना।
- इस बार दक्षिण भारत और उसके केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान।
- कारीगरों और कलाकारों को बढ़ावा देना तथा जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
2. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
- हस्तशिल्प, हथकरघा प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन।
- साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से दक्षिण भारत के इतिहास और परंपराओं पर चर्चा।
- भोजन मंडप में क्षेत्रीय व्यंजनों का आनंद उठाने का अवसर।
3. भागीदारी और सहभागिता
- महोत्सव में 500 से अधिक कारीगर और बुनकर भाग ले रहे हैं।
- आम जनता के लिए खुला, जिससे वे कलाकारों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों से संवाद कर सकते हैं।
- स्थानीय कारीगरों के लिए आर्थिक अवसरों को प्रोत्साहन।
4. महोत्सव का आयोजन स्वरूप
महोत्सव को सात संस्करणों में विभाजित किया गया है, जिनमें प्रत्येक क्षेत्र को अलग से प्रस्तुत किया जाएगा:
- पूर्वोत्तर भारत
- दक्षिण भारत (वर्तमान संस्करण)
- उत्तर भारत
- पूर्व भारत
- पश्चिम भारत
- मध्य भारत
- केंद्र शासित प्रदेश
5. कार्यक्रम विवरण
- तिथियां: 6 मार्च से 9 मार्च 2025
- समय: प्रातः 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक
- स्थान: राष्ट्रपति भवन (प्रवेश – गेट नंबर 35)
- ऑनलाइन बुकिंग: visit.rashtrapatibhavan.gov.in
श्रेणी | विवरण |
क्यों चर्चा में है? | राष्ट्रपति द्वारा ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ का उद्घाटन |
केंद्रित क्षेत्र | दक्षिण भारत (कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप, पुडुचेरी) |
प्रतिभागियों की संख्या | लगभग 500 कारीगर और बुनकर |
मुख्य आकर्षण | सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, हस्तशिल्प, हथकरघा प्रदर्शनियां, साहित्यिक चर्चा, भोजन मंडप |
सार्वजनिक तिथियां | 6 मार्च – 9 मार्च 2025 |
समय | प्रातः 10 बजे – रात्रि 8 बजे |
प्रवेश द्वार | गेट नंबर 35, राष्ट्रपति भवन |
ऑनलाइन बुकिंग | visit.rashtrapatibhavan.gov.in |
कुल उद्देश्य | भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करना और कारीगरों को सशक्त बनाना |