विश्वकर्मा जयंती 2024: तिथि, इतिहास, महत्व और अनुष्ठान

विश्वकर्मा जयंती भगवान विश्वकर्मा के जन्म के शुभ अवसर मनाई जाती है। देश भर में, विश्वकर्मा जयंती 22 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है।

गुरुवार, 22 फरवरी को मनाई जाने वाली विश्वकर्मा जयंती 2024, भगवान विश्वकर्मा के जन्म के शुभ अवसर को चिह्नित करती है। हिंदू पौराणिक कथाओं में गहराई से निहित यह त्योहार इंजीनियरों, कारीगरों, शिल्पकारों और विभिन्न व्यापारों और व्यवसायों से जुड़े सभी लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। आइए विश्वकर्मा जयंती से जुड़े इतिहास, महत्व और अनुष्ठानों के बारे में जानें।

विश्वकर्मा जयंती 2024 – तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, 2024 में, विश्वकर्मा जयंती 21 फरवरी से 22 फरवरी तक मनाई गई। गुरुवार, 22 फरवरी, 2024 को मनाया जाने वाला यह दिन भगवान विश्वकर्मा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, सभी प्रयासों में सफलता और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है।

विश्वकर्मा जयंती 2024 – इतिहास

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा का जन्म माघ महीने की त्रयोदशी के दिन हुआ था, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जनवरी या फरवरी से मेल खाती है। ब्रह्मांड के पहले वास्तुकार के रूप में प्रतिष्ठित, भगवान विश्वकर्मा को इस दिन हिंदुओं द्वारा सम्मानित किया जाता है जो उनकी दिव्य शिल्प कौशल के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं। उन्हें इंद्रदेव के स्वर्ग जैसे दिव्य लोक, द्वारका में भगवान कृष्ण के महल जैसी उल्लेखनीय संरचनाएं और भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए लंका का स्वर्ण शहर बनाने का श्रेय दिया जाता है।

विश्वकर्मा जयंती 2024 का महत्व

विश्वकर्मा जयंती विभिन्न व्यवसायों जैसे इंजीनियरों, कारीगरों, मजदूरों, कारखाने के श्रमिकों, बढ़ई, वास्तुकारों और मूर्तिकारों के लिए महत्वपूर्ण महत्व रखती है। यह भगवान विश्वकर्मा का सम्मान करने और अपने प्रयासों में सफलता के लिए उनका आशीर्वाद मांगने का दिन है। यह अवसर हमारी दुनिया को आकार देने वाली दिव्य शिल्प कौशल के लिए सराहना और कृतज्ञता को बढ़ावा देता है।

विश्वकर्मा जयंती 2024 – अनुष्ठान

विश्वकर्मा जयंती के पालन में भगवान विश्वकर्मा का सम्मान करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई अनुष्ठान शामिल हैं:

  • सुबह की तैयारी: दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले जल्दी उठकर, स्नान करके और नए कपड़े पहनकर करें।
  • सफाई अनुष्ठान: घर, कारखाने, दुकान, या किसी भी पूजा स्थल को साफ करें जहां पूजा की जाएगी। आसपास के वातावरण को शुद्ध करने के लिए गंगा जल का प्रयोग करें।
  • रंगोली और मूर्ति स्थापना: एक सुंदर रंगोली बनाएं और निर्दिष्ट मंदिर या पूजा क्षेत्र में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें।
  • दीपक जलाना: पवित्रता और ज्ञानोदय के प्रतीक भगवान विश्वकर्मा को प्रसाद के रूप में देसी घी से भरा दीपक जलाएं।
  • प्रसाद और मंत्र: भगवान विश्वकर्मा को फूल चढ़ाएं और हाथ जोड़कर मंत्र पढ़ें, उनकी दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद का आह्वान करें। “ओम आधार शक्तपे नमः,” “ओम कूमयी नमः,” और “ओम अनंतम नमः” जैसे मंत्रों का भक्तिपूर्वक जाप किया जाता है।
  • उपकरणों की पूजा: आजीविका और उत्पादकता में उनके महत्व को पहचानते हुए, किसी के पेशे या व्यवसाय से जुड़े उपकरणों, मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स को श्रद्धांजलि अर्पित करें।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

Q1. विश्वकर्मा जयंती 2024 कब मनाई जाती है?

Q2. भगवान विश्वकर्मा कौन हैं और हिंदू पौराणिक कथाओं में उनकी क्या भूमिका है?

Q3. कौन से व्यवसाय विश्वकर्मा जयंती को विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं?

Q4. विश्वकर्मा जयंती से जुड़े अनुष्ठान क्या हैं?

Q5. हिंदू लोग विश्वकर्मा जयंती की तैयारी कैसे करते हैं?

अपने ज्ञान की जाँच करें और टिप्पणी अनुभाग में प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें।

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