‘विद्या शक्ति’: धीमी गति से सीखने वालों को सशक्त बनाने के लिए आंध्र प्रदेश का डिजिटल प्रयास

आंध्र प्रदेश ने 25 जून, 2025 को शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए ‘विद्या शक्ति’ की शुरुआत की, जो सरकारी स्कूलों में धीमी गति से सीखने वाले छात्रों पर केंद्रित एक सुधारात्मक शिक्षण पहल है। शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार, ड्रॉपआउट दरों को कम करने और नामांकन बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया यह कार्यक्रम समावेशी शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

‘विद्या शक्ति’ क्या है?

विद्या शक्ति‘ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन रिमेडियल (पुनःअध्ययन) शिक्षा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे मुख्य विषयों में धीमे सीखने वाले छात्रों को मदद देना है।
इस पहल का मकसद है:

  • शैक्षणिक प्रदर्शन सुधारना

  • ड्रॉपआउट दर घटाना

  • नामांकन दर (GER) बढ़ाना

कहाँ और कैसे लागू किया जा रहा है?

विद्यालय शिक्षा निदेशक वी. विजय रामाराजु के अनुसार, ‘विद्या शक्ति’ कार्यक्रम फिलहाल इन संस्थानों में लागू किया गया है:

  • 4,424 जिला परिषद, सरकारी और नगर पालिका स्कूलों में

  • 576 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBVs) में

  • आंध्र प्रदेश आवासीय और मॉडल स्कूलों में

कक्षाएं नियमित स्कूल समय के बाद चलेंगी, और शिक्षकों को 5-दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे इस रिमेडियल टीचिंग को प्रभावी ढंग से चला सकें।

कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य

  • मुख्य विषयों में सीखने के परिणाम बेहतर बनाना

  • संघर्षरत छात्रों के लिए ड्रॉपआउट को रोकना

  • राज्यभर में ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) को बढ़ाना

  • दसवीं कक्षा के छात्रों को विषय-वार शेड्यूल और मेंटरिंग देना

  • तेज छात्रों की पहचान कर उन्हें और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना

प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी: कार्यक्रम की रीढ़

इस पहल में IIT-मद्रास प्रवर्तक इनोवेशन हब के सहयोग से शिक्षकों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
शुभारंभ समारोह अमरावती में हुआ, जिसमें शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि शामिल थे:

  • वी.एन. मस्तानय्या – सचिव, आंध्र प्रदेश आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (APREIS)

  • के.वी. श्रीनिवासुलु रेड्डी – निदेशक, सरकारी परीक्षा विभाग

  • एम.वी. कृष्णा रेड्डी – निदेशक, AP SCERT

संरचित अध्ययन + व्यक्तिगत देखभाल

  • प्रत्येक छात्र को एक निर्धारित समय-सारणी के तहत पढ़ाया जाएगा

  • शिक्षक व्यक्तिगत रूप से छात्रों के सीखने की कमी को पहचानकर मदद करेंगे

  • शिक्षकों से यह अपेक्षा की गई है कि वे हर छात्र को अपना मानें – एक विचार जिसे श्री रामाराजु ने अपने संबोधन में विशेष रूप से रेखांकित किया

प्रभाव और दीर्घकालिक दृष्टिकोण

‘विद्या शक्ति’ का उद्देश्य छात्रों को:

  • आत्मविश्वास देना

  • बुनियादी समझ मजबूत करना

  • स्वतंत्र रूप से सीखने की क्षमता विकसित करना है

यह पहल सरकारी स्कूलों में “सीखना पहले” संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक दृढ़ कदम है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

1 hour ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

2 hours ago

जयंद्रन वेणुगोपाल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड का चेयरमैन और सीईओ नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…

2 hours ago

मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी करेगा

पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

2 hours ago

भारत की हेरिटेज फ़ुटफ़ॉल रैंकिंग 2024–25: ताजमहल एक बार फिर विज़िटर चार्ट में सबसे ऊपर

भारत की समृद्ध धरोहर, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विविधता हर वर्ष लाखों यात्रियों को आकर्षित…

17 hours ago