विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी 2024-25 के फाइनल में केरल के खिलाफ नागपुर में शानदार प्रदर्शन कर सात सत्रों में तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। कप्तान अक्षय वाडकर की अगुवाई में विदर्भ ने रविवार, 2 मार्च को विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत दर्ज की, क्योंकि फाइनल मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
विदर्भ ने पूरे फाइनल में जबरदस्त जज्बा और दृढ़ संकल्प दिखाया। उन्होंने पहली पारी में 379 रन बनाए और फिर केरल को 342 रनों पर रोककर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। तीसरे दिन बढ़त मिलने के बाद, विदर्भ ने दूसरी पारी में 143.5 ओवर तक बल्लेबाजी करते हुए 375/9 का स्कोर खड़ा किया, जिसके बाद दोनों कप्तानों ने परिणाम स्वीकार कर लिया।
यह जीत घरेलू क्रिकेट में विदर्भ की श्रेष्ठता को और मजबूत करती है। इससे पहले वे 2017-18 और 2018-19 में रणजी ट्रॉफी चैंपियन बने थे। पिछले सीजन में मुंबई के खिलाफ हार के बाद इस बार उन्होंने शानदार वापसी की।
अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर ने विदर्भ की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पहली पारी में 86 रन बनाए और दूसरी पारी में 295 गेंदों पर शानदार 135 रनों की पारी खेली। उनकी सूझबूझ भरी बल्लेबाजी ने टीम को मुश्किल हालात में संभाला।
21 वर्षीय डेनिश मालेवर फाइनल में सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक रहे। उन्होंने पहली पारी में शानदार शतक जमाया और दबाव में बेहतरीन तकनीक दिखाते हुए टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे ने इस सीजन में रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने पूरे सीजन में 69 विकेट लिए, जो बिहार के आशुतोष अमन के 68 विकेट के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है। उन्होंने सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि 10 मैचों में 476 रन भी बनाए, जिनमें पांच अर्धशतक शामिल हैं। उनका यह ऑलराउंड प्रदर्शन उन्हें भारत के संभावित सितारों में शामिल कर सकता है।
विदर्भ लीग चरण में सबसे सफल टीम रही, जिसने 7 में से 6 मैच जीते और 40 अंक हासिल किए। जबकि केरल ने नॉकआउट चरण में पहली पारी की बढ़त के आधार पर आगे बढ़ने की रणनीति अपनाई, विदर्भ ने अपने क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल दोनों में शानदार जीत दर्ज की।
विदर्भ ने अंतिम दिन 286 रनों की बढ़त के साथ खेल शुरू किया और लक्ष्य को केरल की पहुंच से दूर ले जाने के लिए लंबे समय तक बल्लेबाजी की।
विदर्भ ने चाय के ब्रेक तक बल्लेबाजी जारी रखी और अपनी बढ़त 412 रन तक पहुंचा दी, जिससे केरल के लिए जीत की कोई संभावना नहीं बची।
विदर्भ की इस सफलता में अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं की भी अहम भूमिका रही।
हर्ष दुबे के हरफनमौला प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक संभावित प्रतिभा बना दिया है। उनकी निरंतर विकेट लेने की क्षमता और उपयोगी बल्लेबाजी उन्हें भारतीय टीम में जगह दिला सकती है।
21 वर्षीय डेनिश मालेवर ने नॉकआउट चरण और फाइनल में जबरदस्त परिपक्वता दिखाई। दबाव की स्थिति में उनकी शांतचित्त बल्लेबाजी उन्हें भविष्य में विदर्भ की बल्लेबाजी लाइनअप का अहम हिस्सा बना सकती है।
विदर्भ की यह रणजी ट्रॉफी जीत उनके जबरदस्त टीम वर्क, अनुभव और युवा जोश का नतीजा है। इस जीत से उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी ताकत को फिर से साबित किया और यह दिखाया कि वे भविष्य में भी इस फॉर्म को बनाए रखने के लिए तैयार हैं।
| श्रेणी | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | विदर्भ ने सात सत्रों में तीसरी बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता, केरल को 2024-25 के फाइनल में पहली पारी की बढ़त के आधार पर हराया। |
| फाइनल मैच परिणाम | मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ; विदर्भ ने पहली पारी की बढ़त (379 बनाम 342) के आधार पर जीत दर्ज की। |
| स्थान | विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, नागपुर |
| कप्तान | अक्षय वाडकर (विदर्भ) |
| प्रमुख प्रदर्शनकर्ता | करुण नायर (86 और 135 रन), डेनिश मालेवर (पहली पारी में शतक, प्लेयर ऑफ द मैच), हर्ष दुबे (सीजन में 69 विकेट, 476 रन) |
| हर्ष दुबे का रिकॉर्ड | रणजी ट्रॉफी के एक सत्र में सबसे ज्यादा विकेट (69), आशुतोष अमन के 68 विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ा। |
| विदर्भ का फाइनल तक सफर | लीग चरण: 7 में से 6 मैच जीते, 40 अंक (सभी ग्रुपों में सर्वश्रेष्ठ)। क्वार्टरफाइनल: तमिलनाडु को 198 रन से हराया। सेमीफाइनल: मुंबई को 80 रन से हराया। |
| फाइनल दिन के मुख्य क्षण | – करुण नायर ने 135 रन बनाए। – डेनिश मालेवर ने 73 रन जोड़े। – दर्शन नलकांडे 51 रन बनाकर नाबाद रहे। – विदर्भ ने बढ़त 412 रन तक पहुंचाई और फिर घोषित कर दिया। |
| विदर्भ के रणजी खिताब | 2017-18, 2018-19, 2024-25 |
| महत्व | अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के संतुलित मिश्रण के साथ घरेलू क्रिकेट में विदर्भ की मजबूत वापसी। |
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