प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक गंजम वेंकटसुब्बैया (Ganjam Venkatasubbiah) का निधन हो गया है. वह एक व्याकरणिक, संपादक, लेक्सिकाग्रफर और साहित्यिक आलोचक भी थे. वह 107 वर्ष के थे. उन्हें आमतौर पर अपने साहित्यिक मंडल में कन्नड़ भाषा और संस्कृति के चलते फिरते विश्वकोश के रूप में जाना जाता था.
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
प्रोफेसर जी वेंकटसुब्बैया ने 12 शब्दकोश संकलित किए थे और लगभग 60 पुस्तकें लिखी थीं. उन्हें कन्नड़ साहित्य, कविता, निबंध और अनुवाद में दक्षता के लिए 2017 में पद्मश्री मिला. इसके अलावा, उन्होंने कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार और अन्य में से पम्पा पुरस्कार भी प्राप्त किया था.
एक क्रिकेट त्रासदी और उसके बाद 2014 के अंत में, क्रिकेट की दुनिया ने मैदान…
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उच्च रेटिंग वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को दिए जाने…
गृह मंत्रालय ने वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) धोखाधड़ी के बढ़ते मुद्दे को संबोधित करने के लिए…
चीनी औद्योगिक वस्तुओं पर भारत की बढ़ती निर्भरता महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा चिंताओं को प्रस्तुत…
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने यूनिवर्सल बैंकों में परिवर्तन के इच्छुक लघु वित्त बैंकों (SFB)…
हिताची पेमेंट सर्विसेज ने भारत में नए अपग्रेडेबल एटीएम का अनावरण किया है, जिससे बैंकों…