वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (46वें राष्ट्रपति) ने विवादित चुनाव के बाद अपने तीसरे छह-वर्षीय कार्यकाल के लिए शपथ ली। उनके विरोधी एडमुंडो गोंजालेज़ ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए खुद को जुलाई चुनावों का वास्तविक विजेता घोषित किया। अंतरराष्ट्रीय दबाव और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद, मादुरो का उद्घाटन व्यापक विवाद और सार्वजनिक विरोध के बीच संपन्न हुआ।
प्रमुख बिंदु | विवरण |
क्यों चर्चा में? | वेनेजुएला के मादुरो ने विवादित चुनाव के बाद शपथ ली। |
विवादित चुनाव | जुलाई 2024 में मादुरो की जीत को उनके प्रतिद्वंदी एडमुंडो गोंजालेज़ ने चुनौती दी और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए खुद को विजेता घोषित किया। |
मादुरो का वादा | मादुरो ने अपने नए कार्यकाल में शांति, समृद्धि, समानता और वेनेजुएला के कानूनों का पालन सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। |
विपक्ष का विरोध | विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्हें संक्षेप में हिरासत में लिया गया, लेकिन उन्होंने मादुरो सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। |
राजनीतिक पृष्ठभूमि | मादुरो 2013 में ह्यूगो शावेज की मृत्यु के बाद सत्ता में आए। उनका कार्यकाल आर्थिक संकट और अधिनायकवाद के आरोपों से घिरा रहा है। |
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया | अमेरिका और अन्य देशों ने मादुरो की वैधता को मान्यता नहीं दी और उनकी सरकार के कार्यों के जवाब में प्रतिबंध लगाए। |
वेनेजुएला की चुनौतियाँ | मादुरो को राजनीतिक और आर्थिक संकट, अंतरराष्ट्रीय अलगाव, घरेलू विरोध, और देश की आर्थिक गिरावट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। |
13 जनवरी 2025 को, ओडिशा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) को लागू…
उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, राज्य सरकार अपने चार विद्युत वितरण कंपनियों…
सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL), जो कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की छत्तीसगढ़ स्थित सहायक कंपनी है,…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपनी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन के साथ अंतरिक्ष…
मकर संक्रांति एक जीवंत और प्राचीन हिंदू त्योहार है जो सूर्य के धनु राशि से…
अवनियापुरम जल्लीकट्टू, तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, 14 जनवरी, 2025 को मदुरै…