उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करेगा, क्योंकि राज्य सरकार ने UCC नियम पुस्तिका को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इस पुस्तिका को मंजूरी दी और पंजीकरण सेवाओं, लिव-इन संबंधों की सुविधा, और तत्कल सेवाओं से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधानों पर निर्णय लिया। इसके अलावा, सरकार इन सेवाओं तक प्रभावी और व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उन्नत डिजिटल प्लेटफार्मों को लागू कर रही है। अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है, और स्टेकहोल्डरों को सुचारू कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
UCC के नियमों के मुख्य प्रावधान
UCC का दायरा: इसका उद्देश्य राज्य में सभी धर्मों और समुदायों के बीच विवाह, तलाक, संपत्ति और भरण-पोषण से संबंधित कानूनों को एकजुट करना है। ऑनलाइन पोर्टल और ऐप: ऑनलाइन पंजीकरण और सेवाओं के लिए एक समर्पित पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, जो सार्वजनिक पहुंच और उपयोग में आसानी सुनिश्चित करेगा। पंजीकरण के लिए प्रमुख सेवाएं
- विवाह पंजीकरण: विवाह का पंजीकरण और पंजीकृत विवाहों की स्वीकृति।
- तलाक पंजीकरण: तलाकों का पंजीकरण और विवाह रद्द करने की प्रक्रिया।
- लिव-इन संबंध: लिव-इन संबंधों का पंजीकरण और उनकी समाप्ति।
- विरासत: बिना वसीयत (इंटेस्टेट) उत्तराधिकार और वसीयत (टेस्टामेंटरी) उत्तराधिकार का पंजीकरण।
- अपीलें: आवेदन से संबंधित निर्णयों पर अपील करने की प्रक्रिया।
- शिकायतें: शिकायतें दर्ज करने और उनका पालन करने की प्रणाली।
- सूचना तक पहुंच: पंजीकृत सेवाओं से संबंधित डेटा और जानकारी तक पहुंच।
समानता प्रावधान:
- महिलाओं के अधिकार: समान विरासत अधिकार, गोद लेने, तलाक और बहुपत्नीत्व पर प्रतिबंध।
- पंजीकरण आवश्यकताएँ: लिव-इन संबंधों और विवाहों के लिए अनिवार्य पंजीकरण/स्व-घोषणा।
- विवाह के लिए कानूनी उम्र: महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष की निर्धारित विवाह योग्य आयु।
डिजिटल और भौतिक पहुंच:
- CSC (कॉमन सर्विस सेंटर): डिजिटल साक्षरता न रखने वालों, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में पंजीकरण के लिए सहायता प्रदान करेगा।
- हेल्पलाइन और समर्थन: कानूनी प्रश्नों और पोर्टल संबंधित समस्याओं के लिए समर्पित हेल्पलाइन और जिला स्तर पर अधिकारी।
प्रशिक्षण और कार्यान्वयन:
- अधिकारियों का प्रशिक्षण: अधिकारियों को पोर्टल और प्रक्रियाओं से परिचित कराने के लिए विस्तृत प्रशिक्षण चल रहा है।
- मॉक ड्रिल: प्रणाली की तत्परता के लिए 21 जनवरी 2025 को राज्य स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
- कार्यान्वयन की समयसीमा: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद UCC के कार्यान्वयन की तारीख की घोषणा की जाएगी।
- प्रशिक्षण और विकास: उत्तराखंड अधिकारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है, जिसमें 24 जनवरी 2025 तक 10,000 ग्राम विकास अधिकारियों (VDOs) को प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुख्य उद्देश्य:
- समावेशन: सभी नागरिकों को उनके स्थान या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना कानूनी सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना।
- पहुँच में आसानी: डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठाकर और दूरदराज के क्षेत्रों में ऑफलाइन सेवाएं सुनिश्चित करके, उत्तराखंड विवाह और उत्तराधिकार पंजीकरण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना चाहता है।
- पारदर्शिता को बढ़ावा देना: सेवाओं के डिजिटल एकीकरण से पारदर्शिता बनेगी और नौकरशाही को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे कानूनी प्रक्रियाएं अधिक सुव्यवस्थित और सुलभ हो जाएंगी।