उत्तराखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शासन सुधार, पेंशन लाभों के सरलीकरण और नई आबकारी नीति के पुनर्गठन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। ये फैसले राज्य की आर्थिक वृद्धि, जनकल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत
उत्तराखंड कैबिनेट ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले राज्य अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दी है, जिससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर और सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होगी।
मुख्य बिंदु:
- UPS को NPS के तहत शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक योजना के रूप में पेश किया गया है।
- यह योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
- यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
- UPS का उद्देश्य पेंशनरों की स्थिरता सुनिश्चित कर सेवानिवृत्ति के बाद की अनिश्चितताओं को कम करना है।
उत्तराखंड की आबकारी नीति 2025: महत्वपूर्ण सुधार
उत्तराखंड कैबिनेट ने नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य शराब बिक्री को नियंत्रित करना, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना और राज्य के राजस्व को बढ़ाना है।
नीति में प्रमुख सुधार:
धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री पर प्रतिबंध
- मंदिरों और धार्मिक स्थलों के पास शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया।
- यह कदम सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
अवैध शराब बिक्री पर सख्ती
- सरकार ने सब-शॉप और मेट्रो लिकर बिक्री प्रणाली समाप्त करने का फैसला किया।
- इस कदम से अवैध शराब बिक्री और इससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं पर नियंत्रण किया जाएगा।
अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) का सख्त पालन
- यदि कोई शराब विक्रेता MRP से अधिक मूल्य वसूलता है, तो उसकी लाइसेंस रद्द कर दी जाएगी।
- अब विभागीय स्टोरों में भी MRP का पालन अनिवार्य किया गया है।
राजस्व लक्ष्य में वृद्धि
- 2023-24: ₹4,038.69 करोड़ (लक्ष्य ₹4,000 करोड़ से अधिक)
- 2024-25: अब तक ₹4,000 करोड़ (लक्ष्य ₹4,439 करोड़)
- 2025-26: ₹5,060 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित
इस नई आबकारी नीति से राज्य सरकार शराब बिक्री को नियंत्रित करने, उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा करने और राजस्व वृद्धि सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
उत्तराखंड में साहित्य एवं संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए नई योजनाओं की घोषणा की।
लेखकों को वित्तीय सहायता एवं साहित्यिक पुरस्कार
- इस वर्ष 45 लेखकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार के साथ 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की शुरुआत की गई।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वित्तीय सहायता सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की प्रतिबद्धता है।
श्रेणी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | उत्तराखंड कैबिनेट, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, पेंशन लाभ, आबकारी नीति और सांस्कृतिक संवर्धन से जुड़े प्रमुख निर्णयों को मंजूरी दी। |
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) | – NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए स्वीकृत। – सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन भुगतान की गारंटी। – 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी। – पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करने का उद्देश्य। |
आबकारी नीति 2025 | – शराब बिक्री प्रतिबंध: धार्मिक स्थलों के पास शराब लाइसेंस पर रोक। – सख्त बिक्री नियंत्रण: सब-शॉप और मेट्रो लिकर बिक्री प्रणाली समाप्त। – MRP नियम: एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने पर लाइसेंस रद्द। – राजस्व लक्ष्य: – 2023-24: ₹4,038.69 करोड़ (लक्ष्य: ₹4,000 करोड़)। – 2024-25: अब तक ₹4,000 करोड़ (लक्ष्य: ₹4,439 करोड़)। – 2025-26: ₹5,060 करोड़ का राजस्व लक्ष्य। |
साहित्य और संस्कृति का संवर्धन | – 45 लेखकों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा। – 21 नए साहित्यिक पुरस्कार उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार के साथ शुरू। – उत्तराखंड की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन पर बल। |