उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले सरकारी योजना के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के अनुदेशन को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है। इस पहल के तहत, सरकार ने एक चरणों में सभी सरकारी विभागों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों को 2030 तक ईवी में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे नियत पर इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दें। सरकारी विभाग नामांकन आधार पर इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के द्वारा इस इनिशिएटिव का हिस्सा बनाया जा सकता है, ताकि फिलहाल निविदा की आवश्यकता न हो। विभाग अपनी आवश्यकतानुसार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए अधिकतम सीमा से अधिक खर्च भी कर सकते हैं। 2030 से पहले सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लक्ष्य को पूरा करके, उत्तर प्रदेश का उद्देश्य देश में सबसे पहले ऐसा राज्य बनना है जिसके सरकारी विभागों में 100% इलेक्ट्रिक वाहन हों।
इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिसूचना के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और गतिशीलता नीति 2022 को भी अधिसूचित किया है। नीति में निम्नलिखित प्रोत्साहन शामिल हैं:
उत्तर प्रदेश में निर्मित ईवी खरीद पर पांच साल तक कर और पंजीकरण शुल्क मुफ्त है।
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