सैन्य वर्चस्व में वायु शक्ति हमेशा से निर्णायक रही है। अमेरिका ने जहां लंबी दूरी की हमलावर क्षमता दिखाने के लिए B-2 स्पिरिट और अब आने वाले B-21 रेडर जैसे स्टील्थ बॉम्बर विकसित किए हैं, वहीं चीन कथित तौर पर अपना छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर बना रहा है, जिसे “व्हाइट एम्परर” कहा जा रहा है।
प्रकार: सामरिक स्टील्थ बॉम्बर
सेवा में शामिल: 1997 (अमेरिकी वायुसेना)
दूरी (बिना रीफ्यूलिंग): लगभग 11,000 किमी
पेलोड: करीब 18,000 किग्रा (न्यूक्लियर व पारंपरिक हथियार, GBU सैटेलाइट-गाइडेड बम, परमाणु वारहेड आदि)
भूमिका: शत्रु के भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर विशाल बमबारी करना
विशेषता: रडार से बच निकलने की क्षमता + लंबी दूरी की स्ट्राइक शक्ति
प्रकार: स्टील्थ सामरिक बॉम्बर (B-2 का उत्तराधिकारी)
स्थिति: पहली उड़ान 2023; सेवा में शामिल होने की संभावना — 2020 के उत्तरार्ध में
विशेषताएं: बेहतर स्टील्थ तकनीक, मॉड्यूलर डिज़ाइन (न्यूक्लियर + पारंपरिक हथियार), आधुनिक डिजिटल युद्ध प्रणाली से एकीकरण
शक्ति: 21वीं सदी में अमेरिका की सामरिक हवाई बढ़त को और मजबूत करना
प्रकार: छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर (अभी विकास/प्रोटोटाइप चरण)
दूरी: अनुमानित 2,500–3,000 किमी
पेलोड: लगभग 8,000 किग्रा (आंतरिक व बाहरी हथियार बे)
भूमिका: वायु वर्चस्व, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, सीमित हमले
प्रौद्योगिकी: उन्नत स्टील्थ कोटिंग, AI-सहायक उड़ान, ड्रोन-स्वार्म समन्वय की संभावना
स्थिति: आधिकारिक पुष्टि नहीं; गुप्त विकासाधीन
| विशेषता | अमेरिका के स्टील्थ बॉम्बर (B-2 / B-21) | चीन का व्हाइट एम्परर फाइटर |
|---|---|---|
| श्रेणी | भारी लंबी दूरी का बॉम्बर | स्टील्थ फाइटर जेट |
| प्राथमिक भूमिका | सामरिक हमला, परमाणु डिलीवरी | वायु वर्चस्व, सीमित स्ट्राइक |
| दूरी | ~11,000 किमी (B-2), B-21 और अधिक | ~2,500–3,000 किमी |
| पेलोड | 18,000+ किग्रा | ~8,000 किग्रा |
| स्टील्थ डिज़ाइन | फ्लाइंग विंग, रडार से बचाव | स्टील्थ कोटिंग, AI एवियोनिक्स |
| स्थिति | सेवा में / शीघ्र शामिल | प्रोटोटाइप / विकास चरण |
अमेरिकी बॉम्बर: वैश्विक पहुंच रखते हैं, महाद्वीप पार उड़ान भर सकते हैं और बड़े पैमाने पर परमाणु/पारंपरिक हथियार ले जा सकते हैं। ये अमेरिका की न्यूक्लियर ट्रायड (जमीनी, पनडुब्बी, वायु आधारित हथियार) का अहम हिस्सा हैं।
व्हाइट एम्परर: सामरिक नहीं बल्कि टैक्टिकल विमान है। इसका फोकस वायु वर्चस्व, चपलता, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और सटीक हमले पर है। इसकी पहुंच और पेलोड बॉम्बर से कम है लेकिन हवाई युद्ध में बढ़त दे सकता है।
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