अमेरिका और सऊदी अरब ने 142 बिलियन डॉलर (12.1 लाख करोड़ रुपए) का रक्षा समझौता किया, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मई 2025 की रियाद यात्रा के दौरान संपन्न हुआ। व्हाइट हाउस ने इसे अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा करार दिया है, जो दोनों देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक सहयोग को और गहरा करता है।
यह सौदा अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदों में से एक है।
राष्ट्रपति ट्रंप की दूसरी कार्यकाल की खाड़ी क्षेत्र में यह प्रमुख रणनीतिक यात्रा है।
इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा साझेदारी, और अमेरिकी निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
यह समझौता ईरान के बढ़ते प्रभाव और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुआ है।
| घटक | विवरण |
|---|---|
| कुल मूल्य | $142 बिलियन |
| समय | मई 2025, ट्रंप की सऊदी यात्रा के दौरान |
| शामिल हैं | |
| • अत्याधुनिक युद्ध उपकरण | |
| • AIM-120C-8 एयर-टू-एयर मिसाइलें (RTX Corp द्वारा) | |
| • दिशानिर्देशन प्रणाली, रडार तकनीक, और समर्थन सेवाएं | |
| • गैस टर्बाइन जैसे वाणिज्यिक निर्यात |
क्षेत्रीय खतरों के बीच सऊदी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना
ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका-सऊदी संबंधों को मज़बूती देना
अमेरिकी रक्षा विनिर्माण और रोजगार को प्रोत्साहित करना
ईरान और यमन जैसे मुद्दों पर खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना
शुरुआती मई 2025 में अमेरिका ने 1,000 AIM-120C-8 मिसाइलों की $3.3 बिलियन की बिक्री को मंजूरी दी
ट्रंप की मध्य पूर्व यात्रा में कतर और UAE की भी यात्रा शामिल है – उद्देश्य: खाड़ी देशों से निवेश आकर्षित करना
सऊदी अरब पहले ही अगले चार वर्षों में $600 बिलियन अमेरिकी निवेश का वादा कर चुका है, ट्रंप की उम्मीद है कि यह आंकड़ा $1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है
| शीर्षक | नाम |
|---|---|
| अमेरिकी राष्ट्रपति | डोनाल्ड ट्रंप (दूसरा कार्यकाल, 2025) |
| सऊदी क्राउन प्रिंस | मोहम्मद बिन सलमान |
| RTX Corp | प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी (मुख्यालय: टक्सन, एरिज़ोना) |
| US Defence Security Cooperation Agency | अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री की निगरानी संस्था |
अमेरिकी विदेश नीति में रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है – आर्थिक और सैन्य सौदों को प्राथमिकता
आर्थिक कूटनीति और रक्षा निर्यात ट्रंप की विदेश नीति की प्रमुख पहचान
आतंकवाद-रोधी प्रयासों और क्षेत्रीय संतुलन में अमेरिका-सऊदी सहयोग को मज़बूत करता है
यह सौदा न केवल आर्थिक लाभ का स्रोत है, बल्कि मध्य पूर्व में अमेरिका की रणनीतिक पकड़ को भी मज़बूत करता है।
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