सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किए गए घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण में पाया गया है कि अगस्त 2022 से जुलाई 2023 की अवधि के दौरान ग्रामीण भारत का औसत मासिक पूंजी व्यय शहरी भारत की तुलना में 71 प्रतिशत कम रहा। सर्वेक्षण में कहा गया कि इस अवधि के दौरान ग्रामीण भारत का मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (MPCE) औसतन 3,773 रुपये रहा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 15 अक्टूबर 1999 को सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय के बाद एक स्वतंत्र मंत्रालय के रूप में अस्तित्व में आया। मंत्रालय के दो विभाग हैं, एक सांख्यिकी से संबंधित और दूसरा कार्यक्रम कार्यान्वयन से संबंधित है।
सांख्यिकी विभाग, जिसे राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) कहा जाता है, में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO), कंप्यूटर केंद्र और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) शामिल हैं। कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग में तीन प्रभाग हैं, अर्थात्:
इन दो विंगों के अलावा, भारत सरकार (MoSPI) के संकल्प द्वारा सृजित राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग और संसद के अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में घोषित एक स्वायत्त संस्थान अर्थात् भारतीय सांख्यिकी संस्थान है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 15 अक्टूबर 1999 को सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय के बाद एक स्वतंत्र मंत्रालय के रूप में अस्तित्व में आया।
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