उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 1,250 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र संचालित नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर 18 अटल आवासीय विद्यालयों को विकसित करने की मंजूरी दे दी है. कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रदेश में बनाए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह कार्य करेंगे। राज्य सरकार द्वारा इन विद्यालयों की स्थापना शिक्षा और सामाजिक न्याय के उद्देश्य से की जा रही है। इनका क्रियान्वयन एवं प्रबंधन अटल आवासीस विद्यालय समिति द्वारा किया जाएगा, जिसकी नियमावली तैयार की जा चुकी है।
कैबिनेट ने अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण एवं संचालन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक विद्यालयों का संचालन उप्र भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इनका निर्माण राज्य सरकार के बजट की धनराशि से कराया जा रहा है। इनमें प्रवेश लेने वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय भी राज्य सरकार के बजट से होगा। वहीं संचालन में होने वाला व्यय उप्र भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड को वहन करना होगा।
कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
अटल आवासीय विद्यालय: कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में 18 ‘अटल आवासीय विद्यालयों’ की स्थापना के लिए 1,250 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण बजट आवंटित किया है। ये स्कूल नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर बनाए गए हैं और इनका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। प्रत्येक स्कूल की क्षमता 1,000 छात्रों की होगी, जिसमें 500 लड़कियां और 500 लड़के शामिल होंगे। इन विद्यालयों में कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये स्कूल उन छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करेंगे जिनकी शिक्षा कोविड-19 महामारी के कारण बाधित हो गई थी। इन स्कूलों को शिक्षा में उत्कृष्टता का केंद्र बनाने का लक्ष्य है।
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना: इस योजना के तहत सरकार छात्रों को 25 लाख स्मार्टफोन मुफ्त में बांटने की योजना बना रही है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल संसाधनों और कनेक्टिविटी तक पहुंच के साथ सशक्त बनाना है, जिससे वे अपने सीखने के अनुभवों को बढ़ा सकें और तकनीकी प्रगति के साथ अपडेट रह सकें।
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना: 10 लाख व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने वाली योजना मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी गई है। योजना में भाग लेने वालों को प्रशिक्षण अवधि के दौरान 9,000 रुपये का वजीफा मिलेगा। यह कदम कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर देता है, जो युवाओं को रोजगार योग्य कौशल से लैस करने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है।
डेयरी संयंत्रों को पट्टे पर देना: एक आर्थिक कदम में, कैबिनेट ने प्रदेश सहकारी डेयरी फेडरेशन के स्वामित्व वाले छह डेयरी संयंत्रों को पट्टे पर देने को मंजूरी दे दी है। गोरखपुर, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज, आज़मगढ़ और मोरादाबाद में स्थित इन संयंत्रों को 10 साल की अवधि के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य संभवतः डेयरी क्षेत्र में संसाधन आवंटन और दक्षता को अनुकूलित करना है।
बायोडीजल उत्पादन और विपणन विनियम: कैबिनेट ने बायोडीजल उत्पादन और विपणन से संबंधित नियमों को भी मंजूरी दे दी है। हालाँकि पाठ में इन विनियमों के बारे में विशिष्ट विवरण प्रदान नहीं किए गए हैं, लेकिन यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार ऊर्जा क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है।
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