केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के डिस्कवरी परिसर में बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह केंद्र क्षेत्र के लिए ‘मेक इन इंडिया’ तकनीकी समाधानों को सक्षम बनाएगा और समग्र विकास को गति देगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और मरीन रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय बहु-कार्यात्मक समुद्री प्रयोगशालाओं को शामिल करने के लिए एनटीसीपीडब्ल्यूसी का विस्तार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में एक समुद्री नवाचार केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
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इस केंद्र का उद्देश्य देश में एक मजबूत सामुद्रिक उद्योग के निर्माण के अंतिम लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में समाधानों को सक्षम बनाते हुए सामुद्रिक सेक्टर के लिए अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करना है। यह अत्याधुनिक केंद्र सामुद्रिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति तथा 2047 तक आत्म निर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में बंदरगाहों एवं प्रचालनों में आधुनिकीकरण तथा उन्नयन सुनिश्चित करना है।
बंदरगाह, जलमार्ग एवं तट के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र के पास सभी विषयों में बंदरगाह, तटीय एवं जलमार्ग सेक्टर के लिए शोध एवं परामर्शी प्रकृति की 2 डी एवं 3 डी परीक्षण करने की विश्व स्तरीय क्षमताएं हैं। महासागर की मॉडलिंग, तटीय एवं मुहाने के प्रवाहों का निर्धारण, तलछट एवं रूपात्मक गतिकी, नेविगशन एवं मैन्यूवरिंग की प्लानिंग, ड्रेजिंग एवं सिल्टेशन का अनुमान, बंदरगाह एवं तटीय इंजीनियरिंग – संरचनाओं एवं ब्रेकवॉटर्स की डिजाइनिंग में परामर्श, स्वायत्त प्लेटफॉर्म एवं वाहन, फ्लो एवं हल इंटरएक्शन की प्रायोगिक एवं सीएफडी मॉडलिंग, मल्टीपल्स हल्स की हाइड्रोनैमिक्स, बंदरगाह की सुविधाओं के साथ जुड़ी महासागर नवीकरणीय ऊर्जा कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां एनटीसीपीडब्ल्यूसी ने पहले ही भारत के सामुद्रिक सेक्टर की क्षमता को ईष्टतम बनाने में योगदान दिया है।
चेन्नई के सुविधा केंद्र के पास 5 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं जो आत्म निर्भर भारत के विजन की तर्ज पर समुद्री एवं सामुद्रिक समाधानों की डिजाइन एवं विकास, सिमुलेशन, विश्लेषण तथा उत्पादन के हर पहलू को कवर करती हैं। सृजित की गई प्रयोगशालाएं विशिष्ट कार्यक्षेत्रों में अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की तुलना में सर्वश्रेष्ठ हैं।
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