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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में 16वें शहरी गतिशीलता भारत सम्मेलन का उद्घाटन किया

तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से किया जा रहा है। ‘एकीकृत और लचीला शहरी परिवहन’ सम्मेलन का विषय है। इसका उद्घाटन 27 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया था। सम्मेलन का मुख्य एजेंडा शहरों में कुशल, उच्च गुणवत्ता, एकीकृत और लचीली शहरी परिवहन प्रणालियों का डिजाइन और कार्यान्वयन होगा।

सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य शहरों में जानकारी प्रसारित करना और उन्हें नवीनतम और सर्वोत्तम शहरी परिवहन प्रथाओं को अपनाने में मदद करना है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रौद्योगिकी और सेवा प्रदाताओं, नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और शहरी क्षेत्र के अधिकारियों को एक मंच पर लाएगा। राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति (एनयूटीपी) शहरी परिवहन से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए राज्य और शहर स्तर पर क्षमताओं के निर्माण पर जोर देती है।

 

16वां शहरी गतिशीलता भारत सम्मेलन: मुख्य बिंदु और पहल

1. मेट्रो नेटवर्क का विस्तार:

  • भारत की मेट्रो प्रणाली की परिचालन लंबाई 895 किमी है, जो इसे दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बनाती है।
  • भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनने की राह पर है।

 

2. ई-मोबिलिटी पर फोकस:

  • सरकार ई-मोबिलिटी समाधान लागू करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
  • दस हजार इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है, जो टिकाऊ शहरी परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

3. एकीकृत और लचीला शहरी परिवहन:

  • सम्मेलन का विषय, “एकीकृत और लचीला शहरी परिवहन”, कुशल और उच्च गुणवत्ता वाली परिवहन प्रणालियों को डिजाइन करने के महत्व को रेखांकित करता है जो तेजी से जलवायु परिवर्तन सहित चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
  • योजना चरण से ही विभिन्न परिवहन विकल्पों को एकीकृत करने, लचीलापन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

 

4. सरकारी पहल:

  • FAME-I (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और विनिर्माण करना) और FAME-II जैसी सरकारी पहलों ने शहरी परिवहन में परिवर्तनकारी बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • सिटी बस संचालन को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई पीएम-ईबस सेवा योजना, संगठित बस सेवाओं की कमी वाले शहरों को प्राथमिकता देती है।
  • इस योजना के तहत, 169 शहरों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी। इस तैनाती में संबंधित बुनियादी ढांचे, बस डिपो और मीटर के पीछे बिजली के बुनियादी ढांचे के लिए समर्थन शामिल है।
  • बस प्राथमिकता बुनियादी ढांचे, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली (एएफसीएस), और चार्जिंग बुनियादी ढांचे जैसे पर्यावरण-अनुकूल उपाय ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव्स (जीयूएमआई) के अभिन्न अंग हैं।

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vikash

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