केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक में सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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23वीं केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक: उद्देश्य
केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि सरकार पूरी तरह से केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद में शामिल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के मुद्दे को संबोधित करने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास भी किए गए हैं और इनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
अमित शाह ने घटनाओं, हिंसा और मरने वालों की संख्या के बारे में तुलनात्मक जानकारी साझा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को लगातार बढ़ा रही है।
23वीं केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक: प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या से सख्ती से निपटने के साथ-साथ इन क्षेत्रों मे विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए है।
- उन्होंने कहा कि इसके अच्छे परिणाम निकले है जब 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा (Left Wing Extremism) चरम पर थी तब वामपंथी उग्रवादी हिंसक घटनाओं की संख्या 2258 थी जो 2021 में घटकर 509 हो गई।
- उन्होने कहा कि 2019 से वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में बहुत तेजी से कमी आई है। 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा में 1005 लोगों की मृत्यु हुई थी जबकि 2021 में 147 लोगों की जान गई।
- उन्होने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में जितना अधिक विकास होगा वामपंथी उग्रवादियों में भर्ती उतनी ही कम होगी और उनके धन इकठ्ठा करने के स्त्रोत भी समाप्त हो जायेंगे।
- केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों से अनुरोध करते हुए इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक ध्यान केन्द्रित करने को कहा ताकि इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।
- उन्होंने कहा कि हर राज्य में फ़ोरेंसिक साइंस लॉ कॉलेज खोलने चाहिएं और छोटे क़स्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं में विभिन्न माध्यमों से साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
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