केंद्र सरकार ने 17 मई 2023 को आईटी हार्डवेयर के लिये कुल 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई)- दो को मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय व्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी। कार्यक्रम की अवधि छह साल है। इस प्रोत्साहन योजना से 3.35 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 2,430 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इससे 75,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। पीएलआई 2.0 के तहत लैपटॉप, टैबलेट व सभी उपकरणों से लैस पर्सनल कंप्यूटर (ऑल इन वन पीसी) सर्वर आदि आएंगे।
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इसके तहत कंपनियों के 5 फीसदी तक प्रोत्साहन मिलेगा। देश में बने पुर्जों के साथ उत्पादन करने पर अलग से भी 4 फीसदी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने फरवरी, 2021 में 7,350 करोड़ के खर्च के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पहली पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस पर क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने सरकार से बजटीय खर्च बढ़ाने की अपील की थी। इसके बाद ही सरकार ने पीएलआई 2.0 के तहत खर्च बढ़ाने की घोषणा की है।
देश के लिए इसलिए अहम है पीएलआई योजना 2.0
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आएगा। विदेशी कंपनियां भारत आएंगी।
- भारत आईटी हार्डवेयर के उत्पादन में दुनिया की अगुवाई कर सकेगा।
- योजना से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- भारत की आयात पर निर्भरता घटेगी।
- प्रत्यक्ष रोजगार के अलावा अतिरिक्त दो लाख लोगों को नौकरियां मिल सकेंगी।
भारत एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश के रूप में उभर रहा है। इस क्षेत्र से जुड़ीं दुनियाभर की कंपनियां भारत आ रही हैं। मोबाइल फोन के लिए पीएलआई योजना की सफलता को देखते हुए आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी गई है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिया गया है।