केंद्र सरकार ने सिटी बस संचालन को बढ़ाने के लिए “पीएम-ईबस सेवा” को मंजूरी दी है। कैबिनेट का कहना है कि बिना संगठित बस सेवा वाले शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। कैबिनेट के फैसले के अनुसार 169 शहरों में 10,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी। ग्रीन अर्बन मोबिलिटी के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा। इसके लिए 57000 करोड़ का आवंटन स्वीकृत किया गया है। इस बजट में 20000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से मुहैया कराया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अगले 10 सालों के लिए केंद्र सरकार इस योजना का संचालन करेगी। इस योजना के तहत उन शहरों को चुना जाएगा जहां की आबादी 3 लाख या इससे ज्यादा है। सारे केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी, उत्तर पूर्व का इलाका और पर्वतीय राज्यों को भी इसमें शामिल किया गया है। पीएम-ईबस सेवा योजना को मुख्य रूप से उन शहरों में लागू किया जाएगा जहां बहुत कम या कोई संगठित परिवहन सेवा नहीं है, और हरित गतिशीलता के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
इस योजना की घोषणा पहली बार 2021 में केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई थी। इसके कुल परिव्यय में से, केंद्र 10 वर्षों की अवधि के लिए 20,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगा जबकि शेष राज्यों से आएगा। धनराशि का उपयोग दो घटकों के लिए किया जाएगा: सिटी बस सेवाओं को बढ़ाना और हरित शहरी गतिशीलता पहल के लिए, जैसे चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना आदि।
पीएम-ईबस सेवा का उद्देश्य शहरों में सिटी बस संचालन को बढ़ाना है, ज्यादातर उन शहरों में जहां संगठित बस सेवाएं नहीं हैं। यह योजना सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर लागू की जाएगी। यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इसके तहत, 169 शहर पीएम-ईबस सेवा के लिए पात्र हैं और इलेक्ट्रिक बसों के लिए अंतिम उम्मीदवारों का चयन एक प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाएगा।
इस खंड में बसों के संचालन के लिए केंद्र सरकार आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। योजना के तहत, राज्य अथवा शहर इन बस सेवाओं के संचालन और बस ऑपरेटरों को भुगतान करेंगे। वहीं केंद्र सरकार प्रस्तावित योजना में सब्सिडी प्रदान करके इन बसों के संचालन में मदद करेगी। इस योजना के तहत सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसें चलाई जाएंगी जिससे 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
यह योजना ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और सबस्टेशन अधोसंरचना के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करेगी। शहरों को ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी मदद दी जाएगी। इससे न केवल अत्याधुनिक, ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बसों बढ़ेंगी बल्कि ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भी विकसित होगी।
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