मानव मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) एक महत्वपूर्ण श्वसन वायरस है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह हल्के श्वसन संक्रमण से लेकर गंभीर स्थितियों जैसे ब्रोंकियोलाइटिस और न्यूमोनिया तक का कारण बन सकता है। हाल के दिनों में, कर्नाटक सहित भारत और वैश्विक स्तर पर मामलों में वृद्धि के बाद HMPV पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इन विकासों के मद्देनजर, सभी भारतीय राज्यों को गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परीक्षण प्रयासों को मजबूत करने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं।
निगरानी और परीक्षण की पहल
HMPV के प्रसार की निगरानी और रोकथाम के लिए, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने राज्य स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर परीक्षण और निगरानी के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
परीक्षण प्रोटोकॉल:
- सभी SARI मामलों का HMPV के लिए परीक्षण किया जाएगा।
- राज्यों को विशेष HMPV परीक्षण किट भेजी जा रही हैं।
निगरानी पर ध्यान:
- अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को SARI और ILI मामलों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
- श्वसन संक्रमणों में किसी भी वृद्धि को पहचानने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
HMPV का संक्रामक चरण
HMPV सबसे अधिक कब संक्रामक होता है?
HMPV का सबसे संक्रामक चरण संक्रमण के शुरुआती दिनों में होता है, आमतौर पर लक्षणों की शुरुआत के 3 से 6 दिन के बीच। विशेषज्ञों के अनुसार:
- डॉ. झा: “वायरस संक्रमण के शुरुआती चरणों में सबसे अधिक संक्रामक होता है, जब बुखार, खांसी और नाक बंद होने जैसे लक्षण गंभीर होते हैं।”
- डॉ. नांगिया: “बीमारी के तीसरे या चौथे दिन संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है।”
HMPV के प्रसार को रोकने के उपाय
HMPV के प्रसार को रोकने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनाना आवश्यक है:
- भौतिक दूरी बनाए रखें:
संक्रमित व्यक्तियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। - हाथों की स्वच्छता:
- साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
- अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- मास्क पहनें:
N95 मास्क का उपयोग संक्रमण के जोखिम को कम करता है। - खांसने और छींकने का शिष्टाचार:
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिशू या कोहनी से ढकें।
- उपयोग किए गए टिशू को तुरंत नष्ट करें।
- सतहों को साफ करें:
बार-बार छुई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज करें। - हैंडशेक से बचें:
शारीरिक अभिवादन के बजाय ‘नमस्ते’ करें।
HMPV के लिए आइसोलेशन दिशानिर्देश
आइसोलेशन की अवधि:
- HMPV लक्षण वाले व्यक्तियों को कम से कम 3-4 दिनों तक घर में रहना चाहिए।
- लक्षण गंभीर होने पर आइसोलेशन जारी रखना चाहिए।
आइसोलेशन समाप्त करने के संकेत:
- बुखार, खांसी और सर्दी के लक्षण बिना दवा के समाप्त होना।
- सामान्य गतिविधियों को बिना थकान या सांस फूलने के पूरा करने की क्षमता।
सतर्कता और सुरक्षा
HMPV गंभीर खतरा नहीं माना जाता, लेकिन संवेदनशील जनसंख्या की सुरक्षा के लिए सतर्कता आवश्यक है। सुधार के संकेतों में शामिल हैं:
- बुखार का 24 घंटे तक न होना।
- खांसी और सर्दी के लक्षणों में कमी।
- ऊर्जा स्तर में सुधार।