संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा वर्ष 2015 में अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य (SDGs) का उद्देश्य 2030 तक एक अधिक न्यायसंगत, हरित और समावेशी विश्व का निर्माण करना था। लेकिन हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (SDSN) द्वारा प्रकाशित 2025 सतत विकास रिपोर्ट (SDR) की तस्वीर चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार, 17 में से कोई भी सतत विकास लक्ष्य 2030 तक पूरी तरह हासिल होने की राह पर नहीं है, और केवल 17% लक्ष्य ही अपेक्षा के अनुरूप प्रगति कर रहे हैं।
हालाँकि बुनियादी सेवाओं, आधारभूत संरचना और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में कुछ हद तक प्रगति हुई है, लेकिन मीडिया स्वतंत्रता, भ्रष्टाचार की धारणा, पोषण और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर गिरावट दर्ज की गई है।
वैश्विक रैंकिंग: दो दुनियाओं की कहानी
SDG इंडेक्स 2025 में शीर्ष 10 देश
यूरोप, विशेषकर नॉर्डिक देश, सतत विकास की दिशा में वैश्विक प्रयासों में लगातार अग्रणी बने हुए हैं। फिनलैंड ने एक बार फिर शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जिसके बाद स्वीडन और डेनमार्क क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
रैंक | देश | स्कोर (2025) |
1 | फिनलैंड | 87.0 |
2 | स्वीडन | 85.7 |
3 | डेनमार्क | 85.3 |
4 | जर्मनी | 83.7 |
5 | फ्रांस | 83.1 |
6 | ऑस्ट्रिया | 83.0 |
7 | नॉर्वे | 82.7 |
8 | क्रोएशिया | 82.4 |
9 | पोलैंड | 82.1 |
10 | चेकिया (चेक गणराज्य) | 81.9 |
ये देश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, जलवायु कार्रवाई, और शांति एवं न्याय जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं।
वहीं दूसरी ओर, SDG इंडेक्स 2025 में निचले पायदान पर वे देश हैं जो सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, और आर्थिक संकट जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इन स्थितियों के चलते सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में उनकी प्रगति अत्यंत धीमी रही है।
रैंक | देश | स्कोर (2025) |
167 | दक्षिण सूडान | 41.6 |
166 | मध्य अफ्रीकी गणराज्य | 45.2 |
165 | चाड | 46.0 |
164 | सोमालिया | 46.1 |
163 | यमन गणराज्य | 47.7 |
162 | कांगो, लोकतांत्रिक गणराज्य | 48.2 |
161 | सूडान | 49.1 |
160 | अफ़ग़ानिस्तान | 49.1 |
159 | नाइजर | 50.3 |
158 | मेडागास्कर | 51.0 |
ये देश अक्सर सीमित राजकोषीय संसाधनों, प्राकृतिक आपदाओं, हिंसा और बुनियादी सेवाओं की कमी जैसी समस्याओं से जूझते हैं, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में उनकी प्रगति को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं।
भारत की SDG रैंकिंग में ऐतिहासिक प्रगति
भारत पहली बार टॉप 100 में शामिल
2025 के SDG इंडेक्स में भारत ने 99वाँ स्थान हासिल किया है, जिसका स्कोर 67.0 रहा। यह अब तक की भारत की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है और एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इससे पहले भारत की स्थिति इस प्रकार रही थी:
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2024: 109वाँ स्थान
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2023: 112वाँ स्थान
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2022: 121वाँ स्थान
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2021: 120वाँ स्थान
भारत की यह लगातार सुधार होती रैंकिंग यह दर्शाती है कि देश ने सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में साफ-सफाई, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक ढाँचे और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
क्षेत्रीय तुलना में भारत की स्थिति
हालाँकि भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 देशों में प्रवेश कर चुका है, फिर भी दक्षिण एशिया के कई पड़ोसी देशों की तुलना में यह अभी भी पीछे है। यह दर्शाता है कि भारत ने प्रगति तो की है, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
देश | रैंक (2025) | स्कोर |
मालदीव | 53 | उपलब्ध नहीं |
भूटान | 74 | 70.5 |
नेपाल | 85 | 68.6 |
भारत | 99 | 67.0 |
श्रीलंका | 93 | उपलब्ध नहीं |
बांग्लादेश | 114 | उपलब्ध नहीं |
पाकिस्तान | 140 | उपलब्ध नहीं |
भारत ने भले ही बांग्लादेश और पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन यह अब भी भूटान, नेपाल और श्रीलंका से पीछे है, जो यह संकेत देता है कि क्षेत्रीय सहयोग और साझा सीखने की पर्याप्त गुंजाइश अब भी मौजूद है।
एशिया और ग्लोबल साउथ से मुख्य झलकियाँ
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में उल्लेखनीय प्रगति
2015 के बाद से एशिया के कई देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं:
देश | स्कोर में सुधार |
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नेपाल | +11.1 अंक |
कंबोडिया | +10.0 अंक |
फिलीपींस | +8.6 अंक |
इन देशों की प्रगति यह दर्शाती है कि यदि नीतियाँ लक्षित हों और उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त हो, तो कम आय वाले देश भी सतत विकास लक्ष्यों में तेज़ी से सुधार कर सकते हैं।
चीन और अमेरिका: मिला-जुला प्रदर्शन
देश | रैंक (2025) | स्कोर |
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चीन | 49 | 74.4 |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 44 | 75.2 |
इनकी रैंकिंग को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं:
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असमानता (Inequality)
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पर्यावरणीय टिकाऊपन की कमी
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स्वास्थ्य परिणामों में असंतुलन
2025 में वैश्विक चुनौतियाँ
हालाँकि कुछ क्षेत्रों में प्रगति हुई है, फिर भी वैश्विक स्तर पर SDGs की दिशा में प्रगति पटरी से उतरी हुई है।
2025 सतत विकास रिपोर्ट के अनुसार:
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केवल 17% लक्ष्य ही समय पर प्रगति कर रहे हैं
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मोटापा (Obesity), भ्रष्टाचार और मीडिया पर अंकुश में वृद्धि हो रही है
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पर्यावरणीय क्षरण (विशेषकर नाइट्रोजन प्रबंधन) तेज़ी से बिगड़ रहा है
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लैंगिक असमानता और आय विषमता विकसित और विकासशील देशों दोनों में जारी है
समाधान की दिशा में सुझाव:
रिपोर्ट इस बात पर बल देती है कि 2030 तक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए ज़रूरी है:
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वैश्विक सहयोग में वृद्धि
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वित्तीय निवेश को बढ़ावा
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डेटा-आधारित नीति निर्माण
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स्थानीय और वैश्विक रणनीति में तालमेल